कड़वी सच्चाई: एक बहू की दर्दभरी दास्तान और नई शुरुआत
(Emotional Hindi Story | संघर्ष और उम्मीद की कहानी)
बबीता एक गृहिणी थी, जो अपने पति रमेश और तीन बच्चों — रोहन, सोहन और आरती के साथ रहती थी। परिवार मध्यमवर्गीय था, लेकिन बबीता का सपना था कि उसकी बहुएं अमीर घरों से आएं, ताकि उसका सामाजिक रुतबा बढ़ सके।
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अत्याचारी सास की कहानी। The story of the tyrannical mother-in-law. |
एक दिन रोहन के लिए एक अमीर घर से रिश्ता आता है। लड़की का नाम निधि था, और उसके पिता एक बहुत बड़े व्यवसायी थे। बबीता को यह रिश्ता पसंद आ जाता है। जब रोहन को बताया जाता है, तो वह भी शादी के लिए हां कर देता है। कुछ ही समय में रोहन और निधि की शादी हो जाती है।
शादी के कुछ दिन बाद एक रात खाना खाते समय निधि सोहन से मजाक में कहती है, "अब तुम भी शादी कर लो, मेरी चचेरी बहन बहुत अच्छी है।" लेकिन सोहन साफ मना कर देता है और कहता है, "मैं पहले से एक लड़की से प्यार करता हूं।"
बबीता यह सुनकर चौंक जाती है। जब वह लड़की के बारे में पूछती है, तो सोहन बताता है कि उसका नाम अंजलि है, वह उसकी कॉलेज की दोस्त है, और उसके पिता एक मजदूर हैं। यह सुनते ही बबीता का चेहरा उतर जाता है। उसे यह रिश्ता पसंद नहीं था, क्योंकि अंजलि गरीब थी। बबीता उसे नीची नजरों से देखने लगती है और साफ मना कर देती है।
लेकिन सोहन अपनी बात पर अड़ा रहता है। वह अंजलि से मंदिर में शादी कर लेता है और बिना किसी को बताए उसे घर ले आता है। यह देखकर घर में हड़कंप मच जाता है। बबीता, निधि और आरती दिखावटी मुस्कान के साथ अंजलि को अपनाने का नाटक करती हैं, लेकिन उनके मन में कुछ और ही चलता होता है।
शुरू होता है अत्याचार
धीरे-धीरे अंजलि पर तानों और साजिशों का सिलसिला शुरू हो जाता है। कभी सब्जी में जान-बूझकर ज्यादा नमक डाल दिया जाता, तो कभी अंजलि को बात-बात पर डांट पड़ती। बबीता, निधि और आरती मिलकर सोहन के मन में शक पैदा करने लगते हैं। आखिरकार, सोहन भी अंजलि पर भरोसा करना बंद कर देता है और एक दिन उसे थप्पड़ मार देता है।
शर्मनाक साजिश
एक दिन तीनों महिलाओं ने मिलकर अंजलि के चरित्र को बदनाम करने की नीच साजिश रची। उन्होंने बाथरूम के नल को खराब कराया और एक प्लंबर को बुलाकर अंजलि को उसके साथ अंदर भेज दिया। फिर उन्होंने बाथरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और छिपे कैमरे से सारा वीडियो रिकॉर्ड किया।
बाद में उस वीडियो और कुछ एडिट की गई तस्वीरों का इस्तेमाल कर उन्होंने सोहन को यकीन दिला दिया कि अंजलि चरित्रहीन है। गुस्से में आकर सोहन अंजलि को घर से निकाल देता है। अंजलि दरवाजे पर घंटों बैठी रोती रही, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला।
एक नई शुरुआत
आखिरकार अंजलि ने खुद को संभाला और घर से निकल पड़ी। रास्ते में एक 9 साल का अनाथ बच्चा राज उससे मदद मांगता है। अंजलि को उसमें अपने लिए एक नई जिम्मेदारी और जीने का मकसद दिखता है। वह राज को गोद लेती है और कहती है, "आज से तुम मेरे बेटे हो और मैं तुम्हारी मां।"
अंजलि एक छोटे से किराए के घर में रहने लगती है, अपने गहने बेचकर घर का खर्चा चलाती है और राज को पढ़ाने में जुट जाती है। उसकी मेहनत रंग लाती है — 15 साल बाद राज एक आईएएस ऑफिसर बनता है।
सम्मान और प्रेरणा
एक दिन राज का सम्मान समारोह होता है, जिसमें अंजलि को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है। मंच से वह अपनी पूरी कहानी सुनाती है — कैसे उसने अपमान और धोखे के बाद भी हार नहीं मानी, और कैसे उसने एक अनाथ बच्चे की मां बनकर उसे सफल बनाया।
सभी लोगों की आंखों में आंसू आ जाते हैं। अंजलि अपनी बात खत्म करती है:
> "जीवन में तकलीफें आएंगी, लोग आपको तोड़ने की कोशिश करेंगे। लेकिन अगर आप अपने अंदर की ताकत को पहचान लो, तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको हरा नहीं सकती।"
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👉 यह कहानी हमें सिखाती है कि खुद पर विश्वास और दूसरों की मदद का जज़्बा इंसान को अंधेरे से उजाले की ओर ले जा सकता है।
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