Story of the magical pencil in hindi। जादुई पेंसिल की कहानी

Story of the magical pencil in Hindi। जादुई पेंसिल की कहानी


 रामू नाम का एक व्यक्ति जो गरीब था। रामू की पत्नी का नाम अंजली था। रामू का एक बेटा था जिसका नाम राजू था। रामू मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन गुजरता था। लेकिन रामू चाहता था। उसका बेटा पढ़-लिख कर एक अच्छा इंसान बने इसलिए उसने अपने बेटे को एक अच्छे स्कूल में नाम लिखवाया और राजू को स्कूल भेजने लगा। राजू जब स्कूल गया तो सारे बच्चे उसका मजाक उड़ाने लगे कुछ बच्चे बोलने लगे देखो अब मजदूर का बेटा भी हमारे साथ पढ़ेगा उसको मालूम नहीं है। इस स्कूल में पढ़ना गरीबों की औकात नहीं है।  राजू से कोई दोस्ती नहीं करना चाहता था। राजू बहुत दुखी हो गया था। जब राजू स्कूल से घर आया तो राजू के पिताजी पूछते हैं बेटा आज का दिन स्कूल में कैसा बीता राजू बोलता है। पिताजी सभी बच्चे मेरा मजाक उड़ाते हैं। और बोलते हैं। 


 तुम गरीब हो तुम्हारी औकात नहीं है इस स्कूल में पढ़ने का रामू अपने बेटे को समझाता है। और बोलता है बेटा तुम उन बच्चों की बात पर ध्यान मत दो कुछ दिन तुम्हें परेशान करेंगे फिर बाद में तुम्हारे दोस्त बन जाएंगे। राजू जब अगले दिन  स्कूल जाता है। तो सभी बच्चे फिर से उसका मजाक बनाते हैं। राजू कुछ नहीं बोलता है। जब स्कूल में लंच ब्रेक की घंटी बजती है। तो सभी बच्चे गार्डन में बैठकर लंच करने लगते हैं। राजू अभी भी क्लास में था। फिर उसने भी अपना लंच ब्रेक निकाला और गार्डन में चला गया। जब राजू गार्डन में बैठकर लंच करने ही वाला था। तभी राज नाम का एक बच्चा आता है। जो क्लासमेट था। उसने राजू को धक्का दे दिया जिसके चलते राजू और उसका लंच जमीन में गिर गया। राज बोलता है तुम्हें यहाँ बैठकर लंच नहीं करेगा क्योंकि यह जगह मेरा है। तुम यहां से चले जाओ राजू रोत हुए क्लास में चला जाता है। जब स्कूल से छुट्टी होती है। तो राजू अपने घर आता है


 तो वह बहुत उदास था। राजू के पिताजी पूछते हैं क्या हुआ बेटा तुम इतना उदास क्यों हो राजू अपनी सारी बात पिताजी को बताता है। राजू की सारी बातें सुनकर रामू दुखी हो जाता है। और अपने बेटे को बोलता है कोई बात नहीं बेटा कुछ बच्चे बदमाश होते हैं। उन बच्चों से दूर रहना राजू बोलता है। ठीक है पिताजी उन बच्चों से दूर रहुँगा। जब अगले दिन राजू स्कूल जाता है। तो राज और उसके दोस्त राजू को परेशान करने लगते हैं। राज ने राजू की पेंसिल छीन ली और बोला कहां से खरीदी है। तुमने यह पेंसिल बहुत सुंदर है। राजू बोलता है यह मेरे पिताजी बड़े शहर से लेकर आए हैं राज बोलता है। अब यह पेंसिल भूल जाओ यह मैं रख लेता हूं। राजू, राज से पेंसिल मांगने लगता है।लेकिन राज के दोस्त राजू को पकड़ लेते हैं। राज बोलता है। तुम्हे पेंसिल चाहिए। यह लो पेंसिल बोलकर राज पेंसिल तोड़ देता है। राजू रोने लगता है। राज और उसके दोस्त राजू को बोलते हैं। अगर तुमने किसी को कुछ बोला तो मैं तुम्हें बहुत मारूंगा। राजू किसी से कुछ नहीं बोलता है। जब स्कूल से छुट्टी होती है। तो राजू जंगल की ओर चला जाता है। और एक पेड़ के नीचे बैठ कर रोने लगता है। तभी राजू के सामने एक परी आती है।

Story of the magical pencil in hindi। जादुई पेंसिल की कहानी
Hindi Story

परी राजू से पूछती है। क्या हुआ तुम क्यों रो रहे हो राजू बोलता है। मेरे स्कूल के दोस्त मुझे बहुत परेशान करते हैं। और आज तो मेरी पेंसिल भी तोड़ दिया। परी बोलती है। राजू तुम मत रो मैं तुम्हें एक जादुई पेंसिल देती हूं। जो पेंसिल में तुम्हें दे रही हूं। वह पेंसिल चमत्कारी पेंसिल है। इस पेंसिल से अगर तुम किसी चीज की तस्वीर बनाओगे तो वह तस्वीर से बाहर निकल जाएगा। और जब तुम उस तस्वीर को फाड़ दोगे तो वह गायब हो जाएगा। यह बोलकर परी वहां से चली जाती है। राजू भी खुश होकर घर की ओर चला जाता है। जब राजू घर पहुंचता है। तो उसके पिताजी पूछते हैं। बेटा आज तुम बहुत खुश दिख रहे हो राजू बोलता है। पिताजी मुझे एक परी ने जादुई पेंसिल दी है। और बोली है जो भी हम पेंसिल से तस्वीर बनाएंगे वह हकीकत में बदल जाएगी। पिताजी बोलते हैं बेटा एक तस्वीर बनाओ तो मैं देखना चाहता हूं। राजू एक सुंदर सी पेंसिल की तस्वीर बनाता है। और कुछ ही देर में पेंसिल तस्वीर से बाहर निकल जाता है।यह देखकर राजू के पिताजी बहुत खुश हो जाते हैं। और अपने बेटे को बोलते हैं। बेटा इस पेंसिल का गलत इस्तेमाल कभी मत करना जब किसी चीज की जरूरत हो तभी उस वस्तु की तस्वीर बनाना राजू जब अगले दिन स्कूल गया तो वह बहुत खुश था। क्योंकि उसके पास एक अच्छी पेंसिल थी।



 और उसके कपड़े भी अच्छे थे। जब वह क्लास में पहुंचा तो सभी बच्चे राजू को देखकर दंग रह गए क्योंकि राजू बहुत सुंदर दिख रहा था। उसके कपड़े और जूते चमक रहे थे। राज और उसके दोस्त राजू को देखकर परेशान हो गए मन में सोचने लगे आज राजू इतना अच्छा और खुश क्यों दिख रहा है। जब राजू ने अपनी सुंदर पेंसिल निकाली तो क्लास के सभी बच्चे पेंसिल को ही देखते रह गए। कुछ बच्चों ने राजू से पूछा तुमने यह पेंसिल कहां से खरीदी है। राजू बोलता है। यह पेंसिल मैंने खुद बनाई है। तभी कुछ बच्चे ने बोला मेरे लिए भी ऐसी पेंसिल बनाकर देना। राजू हां बोलता है। जब राजू अगले दिन स्कूल जाता है। तो उन सभी बच्चों के लिए पेंसिल लेकर जाता है। जो बच्चे राजू से पेंसिल लाने को बोले थे। राजू उन सभी बच्चों को पेंसिल देता है। और सभी बच्चे खुश हो जाते हैं। और राजू के दोस्त बन जाते हैं। लेकिन राज को राजू से जलन हो रही थी। आखिरकार राजू इतना सुंदर पेंसिल कहां से लाया है। राज ने राजू का रहस्य जानने के लिए उससे दोस्ती कर लिया राजू को लगा राज भी उसका दोस्त बन गया है। जबकि राज राजू से नफरत करता था। एक  दिन राज ने राजू को बोला मैं तुम्हारा घर देखना चाहता हूं। क्या तुम मुझे अपना घर लेकर जाओगे राजू बोलता है। क्यों नहीं कल तुम मेरे साथ मेरे घर चलना जब अगले दिन स्कूल से छुट्टी होती है। तो राजू राज को अपने घर लेकर जाता है। जब राजू अपने घर पहुंचता है। तो राजू के माता-पिता पूछते हैं। यह लड़का कौन है। राजू बोलता है पिताजी यह मेरा दोस्त है। राज मेरा घर देखना चाहता था।

 इसीलिए मैं इसे अपना घर लेकर आया हूं। राजू के माता-पिता बोलते हैं। अच्छा ऐसी बात है। जाओ पहले तुम दोनों हाथ पैर धो लो मैं तुम दोनों के लिए कुछ खाने के लिए लेकर आती हूं। राज और राजू एक कमरे में बैठकर बातें कर रहे थे। तभी राज ने राजू से पूछा राजू तुम इतने सुंदर पेंसिल कैसे बनाते हो राजू सोचने लगा मैं इसे अपने रहस्य की बात बताऊ या नहीं बताऊ लेकिन राजू सोचा अगर मैं नहीं बताऊंगा तो राज नाराज हो जाएगा। चलो बता देते हैं। ऐसे भी राज अब मेरा दोस्त बन गया है। राजू ने बोला मेरे पास एक जादुई पेंसिल है। यह पेंसिल मुझे एक परी ने दी है। और बोली है अगर किसी चीज की तस्वीर बनाओगे तो वह तस्वीर से बाहर निकल जाएगा। राज पूछता है। वह पेंसिल कहां है। राजू जादुई पेंसिल लेकर आता है।और राज को दिखाता है। राज बोलता है मेरे लिए एक बॉल की तस्वीर बनाओ राजू एक बॉल की तस्वीर बनाता है। तो बॉल  तस्वीर से बाहर आ जाता है। 


 राज बॉल लेकर अपने घर चला जाता है। राज को अब जादुई पेंसिल चाहिए था। क्योंकि वह एक लालची लड़का था। राज  सोचा कैसे में वह जादुई पेंसिल राजू से ले सकता हूं। राज ने प्लानिंग बनाई। रात मैं पेंसिल चुराने का जब रात हुई तो राज अपने घर से चोरी छुपे निकल जाता है। और राजू के घर चला जाता है। और राज राजू के घर के अंदर चोरी चुपके घुस जाता है। और जहां राजू जादुई पेंसिल रखता था। वहां से राज जादुई पेंसिल चुरा लेता है। और अपने घर आ जाता है। और राज  अपने कमरे में जाकर सो जाता है। अगले दिन जब राज सुबह में उठता है। तो वह उस पेंसिल से एक आम की तस्वीर बनाता है। परंतु वह तस्वीर से नहीं निकलता है। राज सोचने लगता है। आखिर यह पेंसिल काम क्यों नहीं कर रही है। एक बार फिर से एक तस्वीर बनाता है। लेकिन तस्वीर से बाहर नहीं निकलता है। राज स्कूल जाने के लिए तैयारी करने लगता है।  जब राज स्कूल पहुंचता है। तो अपने दोस्तों को सारी बातें बताता है। राज और उसके दोस्त प्लान बनाते हैं। राज अपने दोस्तों को बोलता है। जब स्कूल से छुट्टी होगी तो तुम राजू को स्कूल के पीछे जहां बहुत बड़ी खाई है। वहां पर लेकर आना और कुछ देर के बाद राजू भी स्कूल पहुंच गया। राज राजू को देखकर पूछता है। राजू आज तुम्हें स्कूल आने में देर कैसे हो गई राजू बोलता है। मेरी मम्मी नाश्ता बनाने में लेट कर दी। इसलिए स्कूल आने में लेट हो गया राज बोलता है। कोई बात नहीं चलो क्लास के अंदर और सभी  अपनी जगह पर बैठ जाते हैं। जब स्कूल से छुट्टी होती है तो राज के दोस्त राजू को बोलते हैं। राजू तुम्हें राज स्कूल के पीछे बुला रहा है। राजू पूछता है, क्या काम है राज के दोस्त बोलते हैं हमें नहीं मालूम है। राजू बोलता है चलो तुम सब मेरे साथ राजू कुछ देर के बाद पहुंच जाता है। और पूछता है राज तुमने मुझे यहां क्यों बुलाया है। राज बोलता है तुमने मुझे बोला था। जादुई पेंसिल से तस्वीर बनाने पर वह तस्वीर हकीकत में बदल जाती है। इतना बोलते ही राज ने राजू को पकड़कर खाई


 में धक्का दे दिया। राजू बहुत तेजी से नीचे की ओर गिरने लगा उस वक्त राजू अपनी जादुई पेंसिल साथ में रखा था। उसने जादुई पेंसिल निकाला और एक पैराशूट की तस्वीर बना दिया तस्वीर बनते ही पैराशूट राजू के पास आ गया पैराशूट के सहारे राजू की जान बच जाती है। और खाई के ऊपर आने लगता है।राज और उसके दोस्त सोच रहे थे। अब तो राजू खाई के अंदर गिर के मर गया होगा तभी पीछे से राजू आवाज लगाता है। इतनी आसानी से मैं मरने वाला नहीं हूं। अब तुम सब अपनी जान बचाकर भाग सकते हो तो भागो क्योंकि अब मैं शेर का तस्वीर बनाने वाला

Story of the magical pencil in hindi। जादुई पेंसिल की कहानी
Moral Stories

हूं। राज और उसके दोस्त डर जाते हैं इधर राजू शेर का तस्वीर बनाने लगता है। तस्वीर बनते ही से तस्वीर से शेर बाहर निकल जाता है। शेर को देखकर राज और उसके दोस्त भागने लगते हैं। राज के दोस्त आगे-आगे और राज उसके पीछे-पीछे भागने लगा शेर राज के सामने पहुंच गया था। शेर अब राज पर हमला करने वाला ही था। तभी राजू ने तस्वीर फाड़ दिया। और शेर गायब हो जाता है। राज को लगा अब शेर उसको मार देगा। लेकिन जब राज पीछे देखता है। तो शेर नहीं रहता है। राज रुक जाता है। और वहां पर राजू आ जाता है और राज को बोलता है। अगर तुम्हें मेरी जादुई पेंसिल चाहिए था। तो तुमने मुझे क्यों नहीं बोला मुझे तो एक अच्छा दोस्त चाहिए। जादुई पेंसिल दोस्त से बढ़कर नहीं है। राज राजू से माफी मांगता है। और बोलता है मैं स्वार्थी हो गया था। अब से मैं तुम्हें कभी परेशान नहीं करूंगा राजू बोलता है अगर जादुई पेंसिल मेरे पास रहेगा तो मेरे से कोई दोस्ती मन से नहीं करेगा। उसके मन में लालच आ जाएगा। इसलिए यह जादुई पेंसिल में अब खाई में फेंक देता हूं। और राजू जादुई पेंसिल को खाई में फेंक देता है। और राज को बोलता है अब मुझे धोखा मत देना। राज बोलता है मैने तो तुम्हारा पेंसिल चुरा लिया था। तो तुम्हारे पास जादुई पेंसिल कहाँ से आया। राजू बोलता हैं। मैं अपना जादुई पेंसिल लेकर सोता हूँ। जो तुमने पेंसिल चुराया था। वह जादुई पेंसिल नहीं था। 



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