Magic old lady horror story in hindi। जादुई बुढ़िया की कहानी
एक गांव में जादुई बुढ़िया रहती थी। वे बुढ़िया जीवन में अमर रहना चाहती थी। इसलिए उस बुढ़िया ने काली विद्या सीखी और एक किताब में लिखा था 5 साल से 12 साल तक के बच्चों का सिर काटकर भूत वाली देवी को अर्पित करेंगी तो वह बुढ़िया अमर हो जाएगी। जादुई बुढ़िया को बच्चों का 100 बच्चों का सिर चाहिए था। जादुई बुढ़िया ने अगले दिन से अपने काम में लग गई। जादुई बुढ़िया ने रात में एक बच्चे को अपने पास चॉकलेट देने का लालच दिखाकर बुलाया वह बच्चा जादुई बुढ़िया के पास जाता है तो जादुई बुढ़िया उसे पकड़ कर आसमान में उड़ जाती है। और अपने हवेली पर पहुंच जाती है। वह हमेशा रात में बच्चे को पकड़ लेती थी। और उसे अपने साथ ले जाती थी। जब वह जादुई बुढ़िया ने 50 बच्चों को पकड़ लिया था। तब गांव में काफी चर्चा का
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विषय बन गया आखिरकार बच्चों को कौन गायब कर रहा है, गांव के सभी लोग डरे हुए थे। उनको कुछ समझ में नहीं आ रहा था। सभी के माता-पिता को अपने बच्चों के प्रति चिंता सताने लगी गांव के सभी माता-पिता अपने बच्चों पर अधिक ध्यान देने लगे और अपने बच्चों को घर में रहने बोलते थे। जिस कारण से जादुई बुढ़िया को दो दिनों तक एक भी बच्चा नहीं मिला जादुई बुढ़िया ने सोचा लगता है। यहां के गांव वाले सतर्क हो गए हैं हमें कुछ दूसरा तरीका अपनाना होगा जादुई बुढ़िया ने अगले दिन अपना रूप बदल लिया वह जादुई बुढ़िया बच्चा का रूप धारण कर लेती है। और बच्चों को खेलने के लिए बुलाने लगी कुछ बच्चे घर से बाहर खेलने के लिए निकल गए तभी जादुई बुढ़िया ने बच्चों को अपने कब्जे में कर लिया और गायब हो गई। गांव वाले को पता चल गया था। जादुई बुढ़िया बच्चा का रूप धारण करके बच्चों को पकड़ रही है। माता-पिता अपने बच्चों पर अधिक ध्यान देने लगे जादुई बुढ़िया सोचने लगी आखिर बच्चे अब घर के बाहर क्यों नहीं निकलते हैं। जादुई बुढ़िया बहुत परेशान हो गई तब जादुई बुढ़िया ने एक नई तरकीब सोची। उसने बच्चों के माता पिता का रूप धारण करके बच्चों को बुलाने लगी बच्चे अपने माता-पिता समझ कर जाते थे। तो जादुई बुढ़िया बच्चे को पकड़ लेती थी। जादुई बुढ़िया ने 98 बच्चों को पकड़ लिया
था। जब जादुई बुढ़िया ने 99 बच्चे को पकड़ा तो एक बच्चे ने जादुई बुढ़िया को बच्चे को पकड़ते हुए देख लिया। जब जादुई बुढ़िया उस बच्चे को पकड़ कर ले कर जा रही थी। तो उसके पीछे- पीछे वह बच्चा भी जाने लगा जब जादुई बुढ़िया एक वीरान हवेली में घुसी तो उसके पीछे जो बच्चा आ रहा था। वह भी उसके पीछे वीरान हवेली में घुस गया जब हुआ बच्चा हवेली में घुसा तो उसे बहुत डर लग रहा था। क्योंकि हवेली बहुत डरावनी थी। हवेली बहुत बड़ा था। जादुई बुढ़िया जहां-जहां जा रही थी वह बच्चा भी उसके पीछे पीछे जा रहा था। तभी कुछ देर बाद जादुई बुढ़िया एक कमरे में रुक जाती है। तो वह बच्चा भी रुक जाता है। और जादुई बुढ़िया पर नजर रखने लगा। जादुई बुढ़िया बहुत खुश थी। वह जो जोर से बोलने लगी अब मैं अमर हो जाऊंगी एक और बच्चा को पकड़ना है। उसके बाद में अमर हो जाऊंगी। कल मैं एक बच्चा पकड़ लाऊंगी और उसके बाद मुझे कोई नहीं मार सकता है। मैं हमेशा के लिए अमर हो जाऊंगी यह सभी बात वह बच्चा सुन रहा था। जो जादुई बुढ़िया के पीछे पीछे आया था। जादुई बुढ़िया को यह नहीं मालूम था। उसका कोई पीछा कर रहा है। और उस पर कोई नजर रखे हुए हैं। कुछ देर के बाद जादुई बुढ़िया उस कमरे से बाहर चली जाती है। वह बच्चा छुप जाता है। और जादुई बुढ़िया जब कमरे से बाहर चली जाती है। तो वह बच्चा घर के अंदर घुस जाता है। और मन में सोचता है इस कमरे में उस जादुई बुधिया का कुछ ना कुछ राज होगा। वह बच्चा इधर-उधर देखता है। तो तभी उस बच्चे का ध्यान एक किताब पर पड़ती है।
उस किताब का नाम काली विद्या था। वह बच्चा उस किताब को पढ़ता है। तो उसे पता चल जाता है। जादुई बुढ़िया 100 बच्चों को भूत वाले देवी को अर्पित करेंगी तो वह अमर हो जाएगी। उस बच्चे ने सोचा उस जादुई बुढ़िया को अमर बनने से कैसे रोका जाए और 99 बच्चों की जान कैसे बचाई जाए। उस बच्चे ने उस किताब में पढ़ा अगर यह किताब जला दी जाए तो सारे बच्चे आजाद हो जाएंगे और जादुई बुढ़िया भी मर जाएगी। लेकिन यह इतना आसान नहीं था। क्योंकि उस किताब में लिखा था। यह किताब जादुई बुढ़िया खुद जलाए तभी सभी बच्चे जादुई बुढ़िया के चंगुल से आजाद होगे। उस बच्चे ने सोचा यह तो बहुत मुश्किल है। जादुई बुढ़िया किताब खुद कभी नहीं चलाएगी हमें कुछ तरकीब सोचनी चाहिए। उस बच्चे ने एक प्लानिंग बनाया और वह बच्चा चुपचाप हवेली से बाहर निकल गया। और वह अपने घर चला गया उसने एक किताब घर से लिया और वह फिर हवेली की ओर आने लगा। वह बच्चा हवेली के अंदर घुस जाता है। और उसी कमरे में जाता है जहां काली विद्या किताब रखी हुई थी। उस बच्चे ने काली विद्या की किताब उठाया और उस किताब की ऊपर वाली पेज फाड़ दिया। जिस पर काली विद्या लिखी हुई थी। उस बच्चे ने जो किताब लाया था। उस किताब को उस पेज को लगा दिया और अपनी किताब वहां रख दिया।
और काली विद्या की किताब लेकर जादुई बुढ़िया के पास जाता है। वह बच्चा जादुई बुढ़िया को आवाज लगाता है।आवाज सुनकर जादुई बुढ़िया चौक जाती है। जब वह सामने देखती है। तो एक बच्चा रहता है। वह बुढ़िया बोलती है, तुम यहां कैसे आए हो। वह बच्चा बोलता है। मैंने आपको एक बच्चा को पकड़ते हुए देखा था। तो मैं आपके पीछे-पीछे आ गया हूं। क्योंकि मैं अब जीना नहीं चाहता हूं। मेरे माता-पिता मुझे बहुत मारते हैं। और मुझे पढ़ने का शौक नहीं है। फिर भी मुझे जबरदस्ती पढ़ने को बोलते हैं। इसलिए मैं चाहता हूं कि आप मुझे अपने वश में कर लीजिए। जादुई बुढ़िया बहुत खुश हो गई क्योंकि अब वह अमर हो जाएगी वह जादुई बुढ़िया बोलती है ठीक है, मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर देती हूं। तभी वह बच्चा बोलता है आप मेरी एक और इच्छा पूरी कर सकते हैं। वह बुढ़िया बोलती है। और तुम्हारी क्या इच्छा है। वह बच्चा बोलता है मुझे पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता है। मैं चाहता हूं, कि आप मेरी किताब को जला दीजिए। जादुई बुढ़िया को उस बच्चे पर शक हो जाता है। और वह बोलती है यह
किताब किसका है। वह बच्चा बोलता है। यह किताब मेरा है जादुई बुढ़िया उस बच्चे को पकड़ कर उस कमरे में जाती है। जहां काली विद्या की किताब रखी हुई थी। वह जादुई बुढ़िया उस किताब को देखती है। तो कुछ नहीं बोलती है जादुई बुढ़िया किताब खोल कर नहीं देखती है। दूर से देखती है। और खुश हो जाती है। और उस बच्चे को बोलती है। चलो मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर देती हूँ। जादुई बुढ़िया उस स्थान पर जाती है। जहां वह काली विद्या सीखती है।वह बच्चा किताब जमीन पर रख देता है। और बोलता है, आप मेरी इच्छा पूरी कर दीजिए। इस किताब को जला दीजिए, वह जादुई बुढ़िया अपने काली विद्या से उस किताब में आग लगा देती है। जैसे ही किताब में आग लगाती है। वह जादुई बुढ़िया भी किताब के साथ जलने लगती है। कुछ देर के बाद जादुई बुढ़िया जलकर राख हो जाती है। और सभी बच्चे जादुई बुढ़िया के चंगुल से आजाद हो जाते हैं।
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