Anjan Larki ki Kahani। अंजान लड़की की कहानी

 राहुल नाम का एक लड़का जो अपनी मां के साथ रहता था।  मां के अलावा और उसका कोई नहीं था। राहुल मजदूरी करता था। 1 दिन राहुल की मां बाजार कुछ सामान खरीदने के लिए गई। जब बाजार से सामान खरीद कर घर आ रही थी।  तभी एक कार से राहुल की मां का एक्सीडेंट हो जाता है।  एक्सीडेंट बहुत खतरनाक था। कार वाला वहां से अपनी कार लेकर भाग जाता है। राहुल की मां वहीं पर गिरी हुई थी। लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की तभी कुछ देर बाद वहां पर राहुल आ जाता है। मां की ऐसी हालत देखकर राहुल अपनी मां को हॉस्पिटल लेकर गया हॉस्पिटल पहुंचने के बाद वहां के डॉक्टर ने बोला तुम्हारी मां की हालत बहुत गंभीर है। जल्द ऑपरेशन

Anjan Larki ki Kahani
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करना होगा उसके लिए तुम्हें एक लाख जमा करना होगा। राहुल सोच में पड़ गया में इतना जल्दी एक लाख का इंतजाम कैसे करें। राहुल ने डॉक्टर को बोला आप पैसों का चिंता मत करिए। मैं पैसा जमा कर दूंगा आप ऑपरेशन स्टार्ट कर दीजिए। राहुल अपने घर जाता है। और आसपास के लोगों से कुछ पैसे मांगता है। वहां के लोग राहुल की  हालत देखकर कुछ पैसे देते हैं।  राहुल के पास 50000 रूपये  ही जमा हुए थे। 50000 का और इंतजाम करना बाकी था।  राहुल ने एक साहूकार से 50000 का कर्ज लिया। और हॉस्पिटल जाकर एक लाख जमा कर देता है। वहां के डॉक्टर राहुल को एक पर्ची देते हैं। और बोलते हैं मेडिकल से दवा लेकर आओ राहुल दवा लाने मेडिकल जाता है। जब राहुल दवा की कीमत सुनता है तो परेशान हो जाता है। क्योंकि राहुल के पास पर्याप्त पैसा  नहीं था।

राहुल ने मेडिकल वाले दुकानदार को बोला मेरे पास अभी इतने पैसे नहीं है। कि मैं तुमको दवाइयां कि पैसे दे सकूँ। लेकिन मुझे यह दवा जरूर चाहिए। मेरी मां को यह दवा देनी है। मैं आपको कुछ दिनों के बाद दवा के पैसे दे दूंगा। दुकानदार राहुल को बोलता है। तुमने मुझे क्या पागल समझ रखा है। मैं तुम्हें जानता भी नहीं हूं। और दवा मांग रहे हो पैसे कुछ दिन बाद देगा। मेरे पास तुम्हारे जैसे कितने व्यक्ति आते हैं। अगर मैं सभी को फ्री में दवा बांटने लगा तो मैं रोड पर आ जाऊंगा पहले पैसे लेकर आओ तब दवा लेना। राहुल उदास 
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होकर जा रहा था तभी महेश नाम के एक व्यक्ति ने राहुल से पूछा तुम इतने उदास क्यों हो।  राहुल अपनी सारी बात महेश को बताता है। महेश बोलता है तुम परेशान मत हो तुम्हारी मां बिल्कुल ठीक हो जाएगी। यह लो पैसे अपनी मां के लिए दवा ले लो। राहुल महेश का शुक्रिया अदा करता है। और बोलता है, मैं आपका उपकार हमेशा याद रखूंगा। राहुल दवा लेकर हॉस्पिटल जाता है। और अपनी मां को दवा खिलाता है, कुछ दिनों के बाद राहुल की मां को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाता है राहुल अपनी मां को अच्छे से ख्याल रख रहा था। समय पर दवा और खाना खिलाता था। 1 दिन राहुल को काम करते-करते काफी रात हो गया जब रात में काम करके घर की ओर आ रहा था। तभी उसने एक लड़की को देखा उसे चार व्यक्ति परेशान कर रहे थे। चार व्यक्ति उस लड़की को रोड के किनारे जंगल की ओर लेकर जा रहे थे। राहुल दूर से ही यह सब देख रहा था। लेकिन उसने कुछ हिम्मत की और आगे आया राहुल एक कार के पास पहुंच गया यह कार उसी लड़की की थी,  जिससे चार व्यक्ति पकड़ कर जंगल की ओर लेकर गए थे।  राहुल ने सोचा अब मैं क्या करूं यह रास्ता भी बहुत सुनसान है। कोई मदद के लिए आएगा

 भी नहीं उस लड़की को 4  व्यक्ति मिलकर मार डालेंगे मुझे कुछ करना होगा। राहुल ने थोड़ी और हिम्मत जुटाई और जंगल की ओर बढ़ने लगा कुछ दूर जाने के बाद राहुल को 4 व्यक्ति दिख गए। उसने देखा लड़की के दोनों हाथ पैर बांध दिए हैं। और चारो दारु पी रहे थे, राहुल ने मौके का फायदा उठाया। और चुपचाप लड़की के पास पहुंच गया और उसे हाथ से इशारा किया चुप रहो और हल्ला मत करना। राहुल ने उस लड़की को उठाकर एक के  वृक्ष के पीछे उस लड़की की हाथ पैर की रस्सी खोला लड़की के मुंह पर टेप बांधी हुई थी। राहुल ने टेप को भी मुंह से निकाला तभी एक लंबी सांस लेती है। और राहुल से पूछती है तुम कौन हो?  और यहां कैसे पहुंचे राहुल बोलता मैं काम करके अपने घर जा रहा था। तभी मैंने देखा आपको चार व्यक्ति परेशान कर रहे थे। मैंने सोचा आप की मदद करनी चाहिए इसलिए मैं यहां आया हूं। वह लड़की बोलती है अब 
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यहां से कैसे निकला जाए। राहुल बोलता है आप परेशान मत होए हम लोगों  को उनकी गलती का फायदा उठाना चाहिए।  वह लड़की बोलती है तुम क्या कहना चाहते हो राहुल बोलता है वह तुम्हें खोजने चारो अलग-अलग दिशा की ओर गए हैं। और वे सभी अकेले हैं, और हम लोग दो हैं राहुल बोलता है। मैं जैसा बोलूंगा वैसा आप करना। मुझे एक लकड़ी चाहिए जिससे मारने के बाद वे लोग एक बार में बेहोश हो जाए। राहुल एक लकड़ी का इंतजाम कर लेता है। राहुल उस लड़की से नाम पूछता है। वह लड़की अपना नाम अंजली बताती है।  राहुल अंजलि को बोलता है, मेरी बात ध्यान से सुनो हमें आगे क्या करना है। चार व्यक्ति अलग-अलग जगह पर हमें खोज रहे हैं जब कोई एक व्यक्ति हमारे और आएगा तो आप रोने का नाटक करना जब वह व्यक्ति तुम्हारे पास आएगा तो मैं उसे पीछे से मार दूंगा। जिससे वह बेहोश हो जाए कुछ देर के बाद एक व्यक्ति अंजलि की ओर आने लगा अंजली रोने का नाटक करने लगी आवाज सुनकर वह व्यक्ति तेजी से अंजली की और आने लगा जैसे ही वह व्यक्ति अंजलि के पास पहुंचा वैसे ही राहुल ने उसे पीछे से मार गिराया। इसी तरह से सभी लोगों को मार गया तब राहुल ने अंजलि को बोला अब हमें चलना चाहिए राहुल और अंजली जंगल से निकलकर कार के पास पहुंच गए अंजली ने राहुल का शुक्रिया अदा किया राहुल ने बोला मुझे शुक्रिया अदा करके शर्मिंदा ना करें या तो मेरा कर्तव्य था। अंजलि पूछती है

 आप इतनी रात को कहां जा रहे थे। राहुल बोलता है मैं काम करके अपने घर जा रहा था। तभी मैंने देखा चार व्यक्ति आपके साथ जबरदस्ती कर रहे थे। अंजलि पूछती आप कौन सा काम करते हैं राहुल बोलता है मेरा कोई निश्चित काम नहीं है जहां काम मिल जाए वहां काम करने लगता हूं।  अंजलि बोलती है आप मेरे साथ चलिए मेरे पापा बहुत बड़े व्यापारी हैं। आपको एक अच्छी नौकरी मिल जाएगी अंजलि अपनी कार में बैठ जाती है। और राहुल को उसी कार में बैठा
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लेती है। और गाड़ी स्टार्ट करके अपने घर की ओर जाने लगती है। रात काफी हो गई थी, अंजली के पिता परेशान हो जाते हैं।  आखिर मेरी बेटी इतनी रात में कहां है और कैसी है। तभी कुछ देर बाद सामने से अंजलि की कार आती है। अंजली के पिता कार को देख कर चैन की सांस लेते हैं। अंजली कार से निकाल कर पिता के गले लग जाती है। पिताजी पूछते हैं बेटी तुम्हें आज घर आने में इतनी लेट कैसे हो गया अंजलि बोलती है पिताजी मैं जब घर आ रही थी। तभी एक सुनसान रास्ते में मुझे चार व्यक्ति पकड़ लिया था।  और मेरे हाथ पैर बांध का जंगल की ओर लेकर चले गए थे।  तभी राहुल नाम के एक व्यक्ति ने मुझे बचाया अंजली के पिता जी पूछते हैं बेटी कहां है वह 

 व्यक्ति अंजलि बोलती है। पिताजी वह मेरे साथ आए हैं, मेरे कार के अंदर बैठे हुए हैं मैं बुला कर लाती हूं, अंजलि जाती है राहुल को कार से बाहर बुलाती है।  और अपने पिताजी के पास लेकर आती है। राहुल अंजली के पिताजी को देख कर चौक जाता है क्योंकि अंजलि के पिताजी वही इंसान थे। जो राहुल को मदद किए थे, जब राहुल मेडिकल से अपनी मां के लिए दवा लाने गया था। और उसके पास दवा के पैसे नहीं थे तब अंजली के पिताजी ने ही राहुल को पैसे दिए थे। जब राहुल अंजलि के पिताजी के पास पहुंचता है तो अंजली के पिता जी बोलते हैं मैं तुम्हारा उपकार जीवन भर याद रखूंगा तुमने मेरी जिंदगी और इज्जत बचा लिए हो, तभी राहुल बोलता मैंने आप पर कोई उपकार नहीं किया है। उपकार तो अपने मुझ पर किया था। अंजली के पिता जी को कुछ समझ में नहीं आ रहा राहुल से पूछते हैं मैं तुम्हारी बात समझ नहीं पाया तुम क्या कहना चाहते हो, राहुल बोलता है आपको याद है एक बार मेडिकल में जब मैं अपनी मां के लिए दवा लेने गया था। तब मेरे पास पैसे नहीं थे तब आपने मुझे पैसे दिए और बोले थे। अपनी मां का ध्यान रखना अंजली के पिताजी को याद आ गया और बोले वह तुम हो मैंने तो एक छोटी सी मदद की थी लेकिन आज जो तुमने किया है। वह मेरी जान से बड़ी है तभी अंजलि के पिताजी राहुल से पूछते हैं तुम कौन सा काम करते हो राहुल बोलता है मेरा कोई निश्चित काम नहीं है। जहां काम मिल जाए वहां काम करने लगता हूं अंजली के पिताजी बोलते हैं तुम मेरे साथ काम करना चाहोगे राहुल काम करने के लिए तैयार हो जाता है। पिताजी अंजली को बोलते हैं बेटी कल तुम राहुल का सारा सामान और उसकी मां को हमारे घर ले आना कल से दोनों हमारे साथ रहेंगे अगले दिन अंजलि राहुल के घर जाती है। और दोनों को अपने साथ ले आती है। अंजली का घर बहुत बड़ा था। राहुल की माँ अपने बेटे से पूछती है। बेटा
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यह घर किसका है राहुल बोलता है मां आज से हम सभी यही घर में रहेंगे राहुल की मां बोलती है अनजान व्यक्ति हम लोगों को अपने घर में क्यों रखेगा। राहुल बोलता है मां यह सब अच्छे कर्मों का फल है मां आप पहले घर के 

 अंदर चलिये सारी बातें आपको बताता हूं। राहुल की मां घर के अंदर जाती है।  फिर राहुल अपनी मां को सारी बातें बताता है। सभी लोग आपस में बातचीत करने लगे सभी के बीच आपसी संबंध भी अच्छे हो गए। एक दिन अचानक से अंजली के पिताजी को हार्ट अटैक आ गया था। और उस वक्त राहुल ऑफिस में था। राहुल की माँ ने अपने बेटे को फोन करके बताया राहुल बहुत जल्द घर पहुंच गया और हॉस्पिटल लेकर गया अंजली के पिताजी के हालत बहुत खराब हो गया था।  तभी उसने राहुल और अपनी बेटी को अपने पास बुलाया और राहुल को बोला मेरी बेटी का मेरे अलावा कोई नहीं है।अब मेरा कोई ठीक नहीं है कब मेरी मृत्यु आ जाए मैं चाहता हूं तुम मेरी बेटी का हाथ थाम लो यह शब्द बोलकर अंजली के पिताजी दुनिया छोड़ कर चले जाते हैं। राहुल अंजली से शादी कर लेता है, और सभी लोग खुशी-खुशी रहने लगते हैं। 


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