राजेश नाम का एक व्यक्ति जो एक छोटे से गांव में रहता था। उसके पास 5 गाय और 3 भैंस था राजेश दूध ले जाकर शहर में लोगों को बेचा करता था। राजेश का दूध बिना मिलावट का होता था। और उसका दूध भी शुद्ध रहता था शहर के लोग राजेश के दूध से बड़ा खुश रहते थे। उसी शहर में मोहन नाम का एक डेरी वाला था। जो बहुत लालची था वह दूध में मिलावट करके बेचा करता था। वहां के लोग मोहन से दूध नहीं लेते थे।
तभी मोहन ने राजेश को आवाज लगाई राजेश मोहन की आवाज सुनकर रुक गया और राजेश मोहन से पूछता है क्या हुआ आपने मुझे क्यों बुलाया मोहन बोलता मैंने तुम्हारे बारे में सुना है तुम बिना मिलावट के दूध भेजते हो राजेश बोलता है मैं अपना काम ईमानदारी से करता हूं लोगों से बेईमानी करके पैसा नहीं कमाना चाहता हूं। मोहन बोलता है तुम मुझे सारा दूध दे दिया करो मैं तुम्हें अधिक पैसा दिया करूंगा राजेश बोलता है नहीं मुझे ज्यादा पैसा नहीं चाहिए मैं जितना कमाता हूं उतने में ही खुश रहता हूं। मोहन बोलता है ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी और राजेश वहां से निकल जाता है और सभी लोगों को दूध देकर अपने घर चला जाता है राजेश सुबह-सुबह साइकिल से आता था। और सभी लोगों को दूध देता था और वहां के लोग राजेश के गाय का दूध पसंद किया करते थे। देखते देखते मोहन का सुधा डेयरी से कोई दूध नहीं लेता था। जिससे उसे बहुत नुकसान हो रहा था।
तभी मोहन ने अपने मन में सोचा अब राजेश का कुछ ना कुछ करना होगा जब अगले दिन राजेश दूध देने आया और दूध दे कर शाम में अपने घर जा रहा था। तो उसके पीछे पीछे मोहन भी जाने लगा जब राजेश अपने घर पहुंच गया और घर
राजेश बोलता है मेरे पास एकमात्र रास्ता है मैं पैदल ही जाकर शहर के लोगों को दूध पहुंचा दूं। उसकी पत्नी बोलती है जैसी आपकी मर्जी राजेश दूध का डब्बा सर पर रखकर शहर की ओर जाने लगता है मोहन मन ही मन सोच रहा था आप तो राजेश दूध बेचने नहीं आएगा अभी कुछ देर बाद राजेश मोहन के दुकान के सामने से जा रहा था। मोहन राजेश को देखकर चकित हो गया और सोचने लगा लगता है। यह बहुत मेहनती है मुझे कोई दूसरा रास्ता खोजना होगा राजेश जब शहर के लोगों को दूध दे रहा था तभी एक व्यक्ति ने राजेश से पूछा राजेश भाई आज आप की साइकिल कहां गई राजेश बोलता है मेरी साइकिल किसी ने चुरा लिया है। राजेश दूध दे कर घर की ओर जाने लगा मोहन भी राजेश के पीछे पीछे जाने लगा रात में जब राजेश और उसकी पत्नी सो गए तब मोहन ने राजेश के
घर घुस गया और जिस डब्बा में राजेश दूध लेकर जाता था। मोहन उस डब्बा पर बहुत सारे छेद कर दिया जिससे दूध डब्बे से गिर जाए और मोहन वहां से अपने घर चला गया और अगले दिन राजेश ने दूध जब डब्बे में डाला तो डब्बे से दूध गिरने लगा राजेश ने अपनी पत्नी को बुलाया और पूछा डब्बे में छेद कैसे हुआ उसकी पत्नी बोलती है हमें कुछ नहीं मालूम है राजेश बोलता है एक काम करो एक कपड़ा लेकर आओ राजेश की पत्नी कपड़ा लेकर आती है राजेश कपड़े से धब्बे को अच्छे से बांध देता है। जिससे डब्बे से दूध ना गिरे और राजेश दूध लेकर शहर की और निकल जाता है मोहन मन ही मन सोचता है अब तो राजेश दूध बेचने नहीं आएगा यहां के लोग सिर्फ मेरी डायरी का ही दूध लेंगे तभी कुछ देर के बाद राजेश मोहन के दुकान के सामने से जा रहा था या देखकर मोहन चकित हो गया। स्वार्थी मनुष्य//Latest hindi storiesऔर सोचा अब कुछ अलग करना होगा वरना मेरा धंधा बंद हो जाएगा राजेश जब शहर के लोगों को दूध दे रहा था तभी एक व्यक्ति ने पूछा राजेश भाई तुम अपना डब्बा पर कपड़ा क्यों बांधे हुए हो राजेश बोलता है क्या बताओ भाई कुछ दिनों से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है 1 दिन किसी ने मेरी साइकिल चुरा लिया और अगले दिन किसी ने मेरा डब्बा में छेद कर दिया वह व्यक्ति बोलता है यह किसका काम हो सकता है राजेश बोलता हमें क्या मालूम वह व्यक्ति बोलता है हो ना हो यह काम मोहन का हो सकता है। राजेश पूछता है कैसे वह व्यक्ति बोलता है जब तुम दूध देने नहीं आते थे। तब यहां के सभी लोग मोहन के दुकान से दूध लेते थे। लेकिन जब से तुम दूध देने आ रहे हो यहां के सभी लोग तुम्हारे दूध पसंद कर रहे हैं क्योंकि तुम्हारा दूध बिना मिलावट का होता है और शुद्ध होता है राजेश पूछता है अब हमें क्या करना चाहिए।
वह व्यक्ति एक प्लानिंग बनाता है और राजेश को बताता है राजेश दूध बेच कर घर की ओर जाने लगा घर पहुंचने के बाद खाना खा कर सो गया और लाइट बंद कर दिया मोहन भी यही चाहता था राजेश सो जाए और लाइट बंद कर दे मोहन राजेश के घर में घुस गया और जहां राजेश अपने गाय और भैंसों को रखता था। वहां मोहन पहुंच गया और उसने एक सुई निकाली जिसे देने के बाद गाय की मृत्यु हो जाती है सुई देने वाला ही था वैसे ही सभी लाइट ऑन हो गई यह देखकर मोहन डर गया और भागने ही वाला था तभी सामने में देखा वहां बहुत सारे व्यक्ति है राजेश बोलता है तुम इतने घटिया इंसान हो तुम खुद के स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हो मेरी गाय भैंस ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है जो तुम उसकी जान लेने आ गए हो मोहन बोलता है मुझे माफ कर दो।
मैं लालच में अंधा हो गया था। मुझे सही गलत कुछ नहीं पता चल रहा था। राजेश बोलता है मैं तुम्हें तब माफ करूंगा जब तुम मेरी एक शर्त मानोगे मोहन बोलता है मुझे तुम्हारी सारी शर्त मंजूर है राजेश बोलता है तुम ईमानदारी और मेहनत से काम करोगे और किसी को धोखा नहीं दोगे तब मैं तुम्हें माफ करूंगा मोहन बोलता है मुझे आपके शर्त मंजूर है।