सच्चा दोस्त – एक दिल को छू जाने वाली कहानी
(True Friend – A Heart-Touching Story)
राज नाम का एक लड़का था, जो छठवीं कक्षा में पढ़ता था। वह बेहद सीधा-सादा और शांत स्वभाव का बच्चा था। वह ज्यादा किसी से बात नहीं करता था, इसलिए उसकी क्लास के बच्चे उसे घमंडी समझते थे।
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सच्चा दोस्त। true friend |
एक दिन लंच टाइम में सभी बच्चे ग्राउंड में खेलने चले गए, लेकिन राज क्लास में ही बैठा रहा। तभी वहां मुकेश नाम का एक लड़का आया। उसने देखा कि राज अकेला बैठा है, तो वह उसके पास गया और पूछा,
"तुमने लंच नहीं किया?"
राज धीरे से बोला,
"मैं लंच लाता ही नहीं हूं।"
मुकेश हैरान होकर पूछता है,
"क्यों? क्या तुम्हारी मम्मी तुम्हें लंच नहीं देती?"
राज की आंखों में आंसू आ गए। वह बोला,
"मेरी मम्मी अब इस दुनिया में नहीं हैं।"
मुकेश थोड़ी देर चुप रहा, फिर बोला,
"बहुत बुरा हुआ... तुम्हारे घर में और कौन-कौन है?"
राज ने जवाब दिया,
"मेरे पापा हैं, और वो मुझे बहुत प्यार करते हैं।"
उस दिन के बाद से मुकेश ने तय किया कि वह अपने लंच को राज के साथ बांटेगा। अगले दिन से दोनों साथ में बैठकर लंच करने लगे। जब क्लास के बच्चों ने यह देखा तो कुछ ने ताना मारा,
"मुकेश, तुम अपना लंच इस गरीब को क्यों दे रहे हो?"
राज शर्म से झुक गया, लेकिन तभी मुकेश ने जवाब दिया,
"तुम्हें किसी ने बताया नहीं? खाना मिल-जुलकर खाना चाहिए।"
इस एक जवाब ने सबको चुप करा दिया। दिन बीतते गए और दोनों की दोस्ती गहरी होती चली गई।
एक दिन जब दोनों लंच खा रहे थे, तभी मुकेश के पिता स्कूल में आ गए। उन्होंने राज को देखा और मुकेश से पूछा,
"ये लड़का कौन है?"
मुकेश ने गर्व से कहा,
"ये मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।"
लेकिन जब राज ने बताया कि उसके पिता मोची हैं, तो मुकेश के पिता का चेहरा बदल गया। उन्होंने मुकेश को घर ले जाकर सख्त हिदायत दी,
"उस गरीब लड़के से अब कोई रिश्ता मत रखना। अगर रखा तो स्कूल से निकाल दूंगा।"
अगले दिन मुकेश स्कूल तो आया, लेकिन राज से नजरें चुरा लीं। राज ने पूछा,
"क्या हुआ, तुम मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे?"
मुकेश बोला,
"पिताजी ने मना किया है।"
राज का दिल टूट गया। वह चुपचाप घर चला गया और सारी बात अपने पापा को बताई। पापा ने समझाया,
"बेटा, अमीर लोग हम गरीबों से दोस्ती नहीं करते। तुम पढ़ाई पर ध्यान दो।"
राज ने बात मान ली। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था।
अगले दिन मुकेश स्कूल के सामने रोड पार कर रहा था। तभी एक तेज़ कार उसकी तरफ बढ़ रही थी। राज ने यह देखा और दौड़कर मुकेश को धक्का देकर बचा लिया, लेकिन खुद कार की चपेट में आ गया।
खून से लथपथ राज ज़मीन पर पड़ा था। मुकेश चीख पड़ा,
"राज! तुम्हें कुछ नहीं होगा!"
मुकेश के पापा भी दौड़कर आए। राज की आंखों में आंसू थे। वह बोला,
"मुकेश, मेरा बस एक सपना है... मेरे पापा को मेरी मौत का दुख न हो... तुम उनका ख्याल रखना..."
इतना कहकर राज ने अपनी आखिरी सांस ली।
मुकेश और उसके पिता की आंखों में आंसू थे। आज उन्हें समझ में आया कि सच्ची दोस्ती पैसे से नहीं, दिल से होती है।
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💔 सीख:
एक सच्चा दोस्त वो होता है जो आपके दुःख में साथ दे, चाहे हालात कैसे भी हों। दोस्ती में जात-पात, अमीरी-गरीबी नहीं देखी जाती... देखी जाती है तो बस नियत और निष्ठा।
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