अधूरे प्यार की कहानी। The story of incomplete love.

💔 "अधूरा प्यार – एक दर्द जो हमेशा बाकी रहा"


The Story of Incomplete Love


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मुस्कान, एक प्यारी, समझदार और मिलनसार लड़की थी। वह कॉलेज में सभी से हँसकर मिलती थी, चाहे लड़का हो या लड़की। उसकी मुस्कान ही उसकी सबसे बड़ी पहचान थी, और शायद उसी मुस्कान पर एक दिल फिदा हो गया था…

वही कॉलेज में एक लड़का था – साहिल।
वो मुस्कान से एक साल जूनियर था, लेकिन उसे पहली नजर में मुस्कान पसंद आ गई थी। वह उसके लिए एक खास जगह महसूस करने लगा था, पर कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
अधूरे प्यार की कहानी। The story of incomplete love.
अधूरे प्यार की कहानी। The story of incomplete love.



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🌱 एक नई शुरुआत – दोस्ती के नाम

साहिल ने तय किया कि पहले मुस्कान से दोस्ती करेगा, फिर धीरे-धीरे अपने दिल की बात कहेगा।

अगले दिन, वह जल्दी कॉलेज पहुंच गया और मुस्कान का इंतजार करने लगा। जैसे ही मुस्कान आई, साहिल ने उसे रोककर कहा,

> "तुम बहुत अच्छी लड़की हो। क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?"



मुस्कान ने मुस्कराते हुए जवाब दिया:

> "ठीक है, लेकिन अगर तुमने मुझे परेशान किया तो मैं दोस्ती तोड़ दूंगी।"



साहिल ने वादा किया,

> "मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर है।"



इस तरह दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई। धीरे-धीरे दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। साहिल मुस्कान की बहुत केयर करता था, उसे खास महसूस कराता था।


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💌 जन्मदिन का इज़हार

कुछ दिनों बाद मुस्कान का जन्मदिन आने वाला था।
साहिल ने सोचा: "यही सही वक्त है अपने दिल की बात कहने का।"

जैसे ही मुस्कान का बर्थडे आया, साहिल एक सुंदर सा गिफ्ट लेकर पहुंचा। मुस्कान को गिफ्ट देते हुए उसने कहा:

> "मुस्कान, मैं तुमसे प्यार करता हूं।"



मुस्कान की आंखों में भी चमक थी। वह बोली:

> "साहिल, मैं भी तुमसे प्यार करती हूं।"



साहिल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उसे लगा जैसे पूरी दुनिया उसकी हो गई हो।


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🚫 लेकिन... हर प्रेम कहानी पूरी नहीं होती

कुछ दिनों बाद ये बात मुस्कान के पापा को पता चल जाती है।
जब मुस्कान घर पहुंचती है, उसके पिता उसे पास बुलाकर गुस्से में पूछते हैं:

> "तुम किस लड़के से प्यार करती हो?"



मुस्कान धीमे स्वर में जवाब देती है:

> "उसका नाम साहिल है।"



पिता का चेहरा सख्त हो जाता है।

> "तू मुस्लिम है... वो हिंदू है। मैं ये रिश्ता कभी नहीं होने दूंगा।"



मुस्कान डर जाती है। उसी रात वह साहिल को फोन करके सब कुछ बता देती है।
साहिल पूछता है:

> "अब क्या करेंगे?"



मुस्कान जवाब देती है:

> "कल मिलते हैं। फिर सोचते हैं क्या करना है।"




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🩸 प्यार का अंतिम इम्तिहान

अगले दिन, मुस्कान एक होटल में एक कमरा बुक करती है।
दोनों वहां मिलते हैं – एक आखिरी बार।
दोनों ने मिलकर एक दर्दनाक निर्णय लिया।

वे एक चिट्ठी लिखते हैं:

> “हम हिंदू और मुस्लिम हैं, लेकिन हमारा खून अब एक हो गया है। पापा... अगर कुछ अलग करना है तो बस हमारे शरीरों को कर दीजिएगा। दिल तो कब का मिल चुका है।”



उसके बाद दोनों ने खुद को चाकू मार लिया।

जब होटल के स्टाफ ने खून देखा और दरवाजा तोड़ा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
दोनों की सांसें हमेशा के लिए थम चुकी थीं।


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🕯️ कहानी से शिक्षा (Moral of the Story):

> प्यार धर्म नहीं देखता, लेकिन समाज अब भी देखता है।

जब तक हम धर्म के नाम पर प्यार को मारते रहेंगे, तब तक अधूरी कहानियाँ जन्म लेती रहेंगी।

प्यार को समझने के लिए दिल चाहिए, और हिम्मत भी।

परिवार का प्यार, बच्चों के फैसलों को समझने से बड़ा नहीं होता।

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