सौतेली बेटी की कहानी step daughter story

💔 "नेहा – एक सौतेली बेटी की अमर ममता"


Step Daughter Emotional Moral Hindi Story

नेहा नाम की एक 15 साल की लड़की थी। दो साल पहले उसकी मां का निधन हो गया था। मां की मौत के बाद उसके पिताजी ने दूसरी शादी कर ली। नई मां के आने से नेहा को उम्मीद थी कि उसे फिर से मां जैसा प्यार मिलेगा। शुरुआत में सब कुछ ठीक था, सौतेली मां ने कुछ महीनों तक नेहा की देखभाल भी की।
सौतेली बेटी की कहानी step daughter story
सौतेली बेटी की कहानी step daughter story


लेकिन जैसे ही उसकी सौतेली मां को बेटा हुआ, सब कुछ बदल गया। बेटे का नाम राहुल रखा गया, और उसके जन्म के बाद नेहा पर बुरे दिन शुरू हो गए।

अब नेहा से घर का सारा काम करवाया जाने लगा। उसे समय पर खाना नहीं दिया जाता था। बात-बात पर डांटना, ताने मारना और उसकी उपेक्षा करना — यह सब नेहा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका था।

फिर एक दिन, कुछ ऐसा हुआ जो सब कुछ बदल कर रख देने वाला था...


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🐍 एक भयावह दोपहर

राहुल अब दो साल का हो गया था। वह अपने कमरे में अकेला खेल रहा था। तभी कमरे में एक खतरनाक सांप घुस आया। नेहा की नजर जैसे ही सांप पर पड़ी, वह दौड़ती हुई कमरे में पहुंची।

सांप राहुल की ओर फुंकारता हुआ बढ़ रहा था।

नेहा ने बिना एक पल गंवाए सांप को पकड़ लिया!
लेकिन तभी सांप ने नेहा के हाथ में काट लिया।

नेहा दर्द से कराह रही थी, लेकिन फिर भी उसने सांप को छोड़ा नहीं। वह उसे घर के बाहर ले जाकर छोड़ आई।

सांप तो भाग गया... लेकिन नेहा वहीं गिर पड़ी।


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🏥 नेहा की आखिरी सांसें

आसपास के लोग नेहा को बेहोशी की हालत में देख दौड़ पड़े। किसी ने उसका हाथ देखा तो पाया कि वहां सांप के काटने का निशान है। लोग उसकी सौतेली मां को बुलाने लगे।

नेहा की सौतेली मां बाहर आई, और लोग चिल्लाए —

> "आपकी बेटी को सांप ने काट लिया है!"



यह सुनकर वह भाग कर अपने बेटे राहुल के पास गई — वह ठीक था।

फिर वह बाहर आई और बोली,

> "इस लड़की को तो घूमने की आदत है। अगर घर में रहती तो सांप काटता ही क्यों?"



लोगों ने कहा,

> "मैडम, यह वक्त इल्ज़ाम लगाने का नहीं है। इसे जल्दी अस्पताल ले चलो!"



लेकिन सौतेली मां ने ठंडे मन से जवाब दिया,

> "जिए या मरे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।"



लोगों ने देरी न करते हुए नेहा को अस्पताल पहुंचाया... लेकिन अफसोस, अस्पताल पहुंचने से पहले ही नेहा ने दम तोड़ दिया।


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⚰️ वह मासूम मर गई... लेकिन उसकी ममता अमर रही

जब डॉक्टर ने बताया कि वह बच नहीं सकी, नेहा के पिता रो पड़े। लेकिन उसकी सौतेली मां... वह भीतर से निश्चिंत थी।

> "चलो अच्छा हुआ, इससे पीछा छूटा..." — यही सोच रही थी वो।



लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई...


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🔱 सांप की आत्मग्लानि और शिव की कृपा

सांप को बहुत पछतावा हो रहा था। उसने नेहा को गलती से काटा था, जबकि वह तो राहुल को काटने आया था।

वह सांप शिव भगवान की तपस्या करने लगा।
शिव प्रकट हुए और बोले,

> "बताओ वत्स, क्यों मुझे पुकारा?"



सांप ने अपनी गलती और पश्चाताप की बात शिवजी से कही।
शिव बोले:

> "तुम अग्नि में जलकर अपनी देह त्यागो। उस अग्नि से एक आत्मा निकलेगी, जो नेहा की मां को सच्चाई बताएगी।"



सांप ने वैसा ही किया। जलकर उसने अपने प्रायश्चित का रास्ता चुना।


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👻 सच सामने आता है

आग से एक आत्मा निकली — वह नेहा की रक्षा करने वाले सांप की आत्मा थी। वह नेहा की सौतेली मां के सपने में आई और बोली:

> "जिस बेटी को तुम बोझ समझती थी, वही बेटी तुम्हारे बेटे की जान बचाने के लिए मर गई। मैं राहुल को काटने आया था, लेकिन नेहा ने अपनी जान देकर उसे बचाया।"



यह सुनकर नेहा की सौतेली मां फूट-फूटकर रोने लगी।
उसे अपने कर्मों पर शर्म आई... लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।


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🕯️ कहानी से शिक्षा (Moral):

कभी भी किसी के त्याग को नज़रअंदाज़ मत करो।

जिसे हम कमज़ोर समझते हैं, वही कई बार हमारी ढाल बन जाते हैं।

सौतेले रिश्ते अगर सच्चाई और प्यार से निभाए जाएं, तो वो भी सगे से बढ़कर बन सकते हैं।

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