स्वार्थी मनुष्य//Latest Hindi stories

मुकेश नाम का एक व्यक्ति जो बहुत स्वार्थी था वह किसी भी मनुष्य का मदद नहीं करता था अगर वह किसी मनुष्य का मदद करता था तो उसके पीछे उसका स्वार्थ छिपा रहता था।  मुकेश सरकारी कर्मचारी था एक दिन जब वह बाइक से ऑफिस जा रहा था  वह एक ट्रैफिक जाम में फस गया तभी मुकेश के पास एक महिला आती है और बोलती है बेटा मेरी मदद कर दो मेरा बेटा बहुत बीमार है और मेरे पास पैसे भी नहीं है मुझे अपने बेटे को हॉस्पिटल लेकर जाना है मुझे कुछ पैसे दे दो। मुकेश बोलता है तुम कौन हो मैं तो तुम्हें जानता भी नहीं हूं और मैं तुम्हें पैसे क्यों दूं बदले में मुझे क्या फायदा होगा तुम्हारा बेटा जिए या मरे उससे हमें कोई मतलब नहीं है मेरा रास्ता छोड़ो मुझे लेट हो रही है

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 और मुकेश अपने ऑफिस चला जाता है जब मुकेश घर आता है तो कुछ देर बाद उसके पड़ोसी उसके घर आते हैं और बोलते हैं हमारे सोसाइटी में एक बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है जिसके लिए हम लोग अपनी तरफ से कुछ मदद कर रहे हैं आप भी कुछ मदद करिए मुकेश बोलता है नहीं भाई हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता हूं यह सुनकर उसके पड़ोसी वहां से चले जाते हैं तभी मुकेश की पत्नी बोलती है आप कुछ पैसे दे देते। तभी मुकेश अपनी पत्नी को बोलता है मैं कितनी लोगों की मदद करू आज एक महिला मिली और बोल रही थी उसके बेटा बहुत बीमार है और हम से पैसे मांग रही थी तब मुकेश की पत्नी पूछती है आपने उसकी मदद की मुकेश बोलता है सभी की मदद नहीं करनी चाहिए  स्वार्थी बनो  जिससे तुमको फायदा है उसी मनुष्य की मदद करनी चाहिए उसकी पत्नी बोलती है किसी की मदद करने के लिए अपना स्वार्थ नहीं देखना चाहिए मुकेश बोलता है तुम मुझे मत समझाओ क्या सही है और क्या गलत। मुकेश बहुत स्वार्थी था वह बिना स्वार्थ के किसी को एक गिलास पानी भी नहीं पिलाता था मुकेश का जिंदगी चल रहा था लगभग 10 वर्ष बाद उसकी जिंदगी में एक मुसीबत आया मुकेश का बेटा सोहन जिसकी उम्र 12 वर्ष था उसे एक खतरनाक बीमारी था। मुकेश अपने बेटे को हॉस्पिटल ले गया और उसकी इलाज के लिए डॉक्टर ने उसे 20 लाख  जमा करने को बोला मुकेश ने डॉक्टर से बोला मुझे कुछ दिनों का समय दे दीजिए मैं पैसा जमा कर दूंगा डॉक्टर बोलता है कुछ दिन नहीं 2 घंटे के अंदर पैसा जमा कर दो वरना हम ऑपरेशन नहीं कर पाएंगे। 


 जिससे तुम्हारे बेटा का जान भी जा सकता है और डॉक्टर वहां से चले जाते हैं मुकेश के आंखों में आंसू आ गए आखिर वह 2 घंटे के अंदर 20 लाख कैसे जमा करें तभी मुकेश की पत्नी हॉस्पिटल आ जाती है और मुकेश से पूछती है डॉक्टर ने क्या बोला फिर मुकेश बोलता है 2 घंटे के अंदर 20 लाख जमा करना होगा वरना वह हमारे बेटे का ऑपरेशन नहीं करेंगे मुकेश की पत्नी के साथ एक पड़ोसी भी आया था उस व्यक्ति ने बोला आप चिंता मत करिए पैसे का इंतजाम हो जाएगा और वह व्यक्ति वहां से चला गया और जिस अपार्टमेंट में मुकेश रहता था वह वहां जाकर सभी को मुकेश के बारे में बताया सभी लोग ने मुकेश की मदद की जिससे पैसे का इंतजाम हो गया और वह व्यक्ति हॉस्पिटल गया और मुकेश को 20 लाख दे देता है। 20 लाख  देख कर मुकेश डंग रह जाता है और वह पूछता है आपने इतने सारे पैसे का इंतजाम कैसे किया तब वह व्यक्ति बोलता है यह पैसा का इंतजाम आपके पड़ोसी ने किया है मुकेश को अपने आप में बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी



वह  सोच रहा था आज तक मैंने किसी की मदद नहीं की है और आज वही लोग हमारी मदद कर रहे हैं उसकी आंखों में आंसू आ जाता है वह व्यक्ति बोलता है यह पैसे लीजिए और जमा कर दीजिए मुकेश पैसा जमा कर देता है जब 2 घंटे बाद सोहन का ऑपरेशन होता है और ऑपरेशन फेल हो जाता है डॉक्टर बाहर आते हैं और मुकेश को बोलते हैं ऑपरेशन कामयाब नहीं रहा अब आप अपने बेटे को अमेरिका ले कर जाना होगा नहीं तो 24 घंटे के बाद उसकी मृत्यु हो जाएगी मुकेश पूछता है लगभग कितना खर्चा आएगा फिर डॉक्टर बोलता लगभग 90 लाख का खर्चा आएगा यह सुनकर मुकेश बैठ गया अब वह हार मान लिया था वह अपनी पत्नी को बोलता है अब हम हमारे बेटे को नहीं बचा सकते हैं इतने सारे पैसे का इंतजाम करना नामुमकिन है। मुकेश डॉक्टर को बोलता है हमारे बेटे को हमें दे दीजिए उसे हम अपने घर ले जाएंगे जब मुकेश अपने घर आ रहा था तभी वह जाम में फस गया सभी लोग एंबुलेंस में बैठ कर आ गए थे जब एंबुलेंस रुकी तो मुकेश एंबुलेंस से बाहर निकल गया उसकी पत्नी पूछती है



 आप कहां जा रहे हैं मुकेश बोलता है मैं इस तरह अपने बेटे का हाल नहीं देख सकता हूं सब मेरी गलती है आज तक मैंने किसी की बिना स्वार्थ के मदद नहीं किया था आज उसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है तभी एंबुलेंस के पीछे खड़ी एक कार में एक महिला थी वह कार से उतरकर एंबुलेंस के पास आती है और पूछती है क्या बात है आप लोग इतने परेशान क्यों हैं मुकेश की पत्नी सारी परेशानी उस महिला को बताती है फिर वह महिला मुकेश से पूछती है क्या तुम मुझे पहचान रहे हो मुकेश बोलता है नहीं मैं आपको नहीं जानता हूं फिर वह महिला बोलती है



 आज से लगभग 10 वर्ष पहले मैंने तुमसे कुछ पैसे मांगे थे बोली थी मेरा बेटा का तबीयत ठीक नहीं है उसे हॉस्पिटल लेकर जाना है तो तुमने बोला था तुम्हारा बेटा जिए या मरे मुझे उससे  क्या मतलब मुकेश को याद आ गया मुकेश उस महिला से हाथ जोड़कर माफी मांगने लगा और बोला मुझे अपनी गलती का बहुत अफसोस है आज हमें महसूस हो रहा है किसी की जिंदगी किसी के लिए कितना आवश्यक है तब वह महिला बोलती है किसी भी मनुष्य की मदद करने के लिए अपना स्वार्थ मत देखो निस्वार्थ मदद करो मदद किस प्रकार करो कि उस व्यक्ति को भी पता ना चले फिर वह महिला बोलती है इत्तेफाक की बात है जिसे  तुमने बोला था जिए या मरे उससे हमें क्या फर्क पड़ता है आज मेरा बेटा एक डॉक्टर है और वह अमेरिका में रहता  है और तुम्हारे बेटे का इलाज मेरा बेटा करेगा वह महिला अपने बेटा को फोन करती है और सारी बातें बताती है और उसका बेटा सभी का टिकट भी बुक कर देता है और  सभी लोग अमेरिका पहुंच जाते हैं और सोहन का ऑपरेशन कामयाब हो जाता है जिससे सोहन की जान बच जाती है। 


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