परेशानियों में किसी का साथ ना छोड़ना//Leave no stone unturned
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एक छोटे से शहर में अनीता नाम की लड़की रहती थी उसके पिता को शराब की लत थी और उसकी मां विकलांग थी और उसका एक छोटा भाई था जिसका नाम राघव था अनीता के पिता अपनी जिम्मेदारी को सही से नहीं निभाते थे उसके पिता जो कुछ भी कमाते उस पैसे से शराब पी जाते थे जिस वजह से उस घर के आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी अनीता ने अपने मां से बातचीत की मां अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम लोग का क्या होगा मां ने बोला मैं क्या कर सकती हूं मैं तो चल भी नहीं सकती हूं अनीता बोलती है मैं कुछ काम करना चाहती हूं जिससे हमें आर्थिक समस्याओं का सामना ना करना पड़े और मेरा छोटा भाई अच्छे से स्कूल में पढ़े मां पूछती है तुम कौन सा काम करना चाहती हो अनीता बोलती है मैं कॉल सेंटर मैं काम करना चाहती हूं मां बोलती है ठीक है बेटी जैसा तुम चाहो और अगले दिन अनीता कॉल सेंटर पर जाती है तो उसका इंटरव्यू होता है और वह इंटरव्यू मै पास हो जाती है
और अगले दिन कॉल सेंटर का जोइनिंग लेटर मिल जाता है अनीता बहुत खुश हो जाती है और मां को बोलती है मैं कल से कॉल सेंटर पर काम करने जा सकती हूँ अनीता की मां बोलती है बेटी अपना ख्याल रखना और घर जल्दी आ जाना अनीता बोलती है मां आप मेरी फिक्र ना करें मैं अपना ध्यान रखूंगी और घर जल्दी आ जाऊंगी जब अगले दिन सुबह 9:00 बजे अनीता बस पकड़ कर कॉल सेंटर पर चली जाती है और शाम को 5:00 बजे घर आ जाती है जब घर आती है तो मां पूछती है बेटी तुम्हें अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा होगा अनीता बोलती है नहीं मां अधिक मेहनत वाला काम नहीं है सिर्फ बात करने वाला काम है मां पूछती है बेटी तुम्हें कितना पैसा मिलेगा अनीता बोलती है मां 6000 महीना मिलेगा अनीता बोलती है मैं यह सब बातें अब बाद में होगी पहले कुछ खा लिया जाए।
खाना खाकर सभी लोग सो जाते हैं और अगले दिन सुबह अनीता अपने काम पर चली गई और शाम में अपने घर आ गई। परंतु एक दिन जब अनीता सुबह घर से काम पर गई और शाम मैं जब वह वापस बस पकड़ने आई तो बस वहां से जा चुकी थी क्योंकि अनीता ने वहां अपने दोस्तों से बात करने लगी और बस का ध्यान नहीं था। अनीता 20 मिनट देर पहुंची, जब बस स्टैंड पहुंची तो देखी वहां पर कोई नहीं था अनीता सोचने लगी अब मैं क्या करूं कैसे घर जाऊं 30 मिनट इंतजार करती है अगर कोई बस आएगी तो मैं उस पर बैठकर चली जाऊंगी लेकिन कोई बस नहीं आई अनीता परेशान हो गई और शाम भी हो गई थी जब 6:00 बजा तो अनीता को डर लगने लगा क्योंकि वहां कोई नहीं था और अंधेरा हो गया था अब अनीता सोचने लगी मैं यहां अधिक देर तक नहीं रह सकती हूं। मुझे यहां से जाना होगा लेकिन जिस रास्ते से अनीता को जाना था वह बहुत सुनसान था और उस से 3 किलोमीटर पैदल जाना था। तभी अनीता एक अच्छी जगह पहुंच सकती है अनीता ने सोच लिया अब मैं यहां से पैदल जाऊंगी और वह चलना शुरू कर देती है जब अनीता जा रही होती है तो वह बहुत डरी हुई रहती है क्योंकि रास्ता बहुत सुनसान था रोड के किनारे जंगल था। जब अनीता 1 किलोमीटर पैदल चली जाती है तब पीछे से एक बाइक आ रही होती है
अनीता पीछे से आ रही बाइक देखकर डर जाती है और वह जंगलों में छुप जाती है लेकिन जब बाइक उस रास्ते से आ रही होती है तभी दूर से बाइक पर बैठे व्यक्ति ने अनीता को देख लिया था और कुछ दूर जाकर अपनी बाइक रोक लेता है यह देखकर अनीता बहुत डर जाती है और वह व्यक्ति आवाज लगाता है कौन झाड़ियों में छिपा हुआ है आरती डर जाती है। वह व्यक्ति बोलता है तुम झाड़ियों के पीछे क्यों छुप रही हो अनीता बोलती है मेरा बस छूट गया है तभी वह व्यक्ति बोलता है चलो मेरे साथ में तुम्हें आगे छोड़ दूंगा अनीता को कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह क्या करें अनीता को उस व्यक्ति पर विश्वास नहीं हो रहा था तो अनीता ने झूठ बोल दिया तुम चले जाओ मेरे पिता मुझे लेने आ रहे हैं वह व्यक्ति वहां से चला जाता है और कुछ दूर जाने के बाद अपने दोस्तों को फोन करता है
और अपने पास बुलाता है अनीता सोचती है वह व्यक्ति चला गया है किन्तु वह व्यक्ति कुछ दूर से उस पर नजर रखा हुआ था जब अनीता 2 किलोमीटर का रास्ता तय कर लेती है तभी पीछे से एक कार आ रही होती है अनीता फिर से डर जाती है छिपने की कोशिश करती है परंतु वहां पर छुपने का कोई जगह नहीं था लेकिन फिर भी अनीता रोड के किनारे छोटे-छोटे झाड़ियों में बैठ गई जिससे उन लोगों की नजर अनीता पर ना पड़े जब उस रास्ते से कार जा रहा था तभी उसमें से एक व्यक्ति ने अनीता को देख लिया और वह व्यक्ति कार रोकने को बोलता है मैंने झाड़ियों के पीछे एक लड़की को देखा तभी कार से तीनों नीचे उतर जाते हैं और अनीता के पास पहुंच जाते हैं और एक व्यक्ति बोलता है जानेमन यहां क्या कर रही हो अनीता डर जाती है और बोलती है मेरा बस छूट गया है जिस वजह से पैदल जा रही हूं तभी एक व्यक्ति अनीता का हाथ पकड़ लेता है और बोलता है हमारे होते हुए तुम पैदल क्यों जा रही हो और तीनों व्यक्ति उसे परेशान करने लगते हैं और अनीता को पकड़कर कार के पास ले जाते हैं
वहीं पर एक व्यक्ति खड़ा था वह व्यक्ति और कोई नहीं वही व्यक्ति था जो अनीता को पहले मिला था अनीता को लगा सब इसकी चाल है और तीनों इसी के दोस्त हैं परंतु ऐसा नहीं था तभी उस व्यक्ति ने बोला तुम इस लड़की को लेकर कहां जा रहे हो तभी एक व्यक्ति ने बोला तुम्हें इससे क्या मतलब यह मेरा शिकार है वह व्यक्ति बोलता है यह कोई जानवर नहीं है यह किसी घर की इज्जत है तभी तीनों व्यक्ति मिलकर एक व्यक्ति को मारने लगते हैं पहला व्यक्ति हार नहीं मान रहा था और तीनों का मुकाबला अच्छी तरह से कर रहा था तभी कुछ देर के बाद वहां पर तीन व्यक्ति और आ जाते हैं वह पहले व्यक्ति के दोस्त थे अब यह लोग चार हो गए कार वाले 3 लोगों को बहुत मार मारे और तीनों व्यक्ति वहां से डर के मारे भाग गए अनीता चारों व्यक्तियों का शुक्रिया अदा करती है और बोलती है आप सभी ने मिलकर हमारी इज्जत बचा ली तभी अनीता ने पहले व्यक्ति से पूछा आप तो चले गए थे वापस कैसे आए तब वह व्यक्ति बोलता है मैंने आपको देखकर ही समझ गया था आप बहुत डरी हुई थी और आप झूठ बोल रही थे
की आपके पिता लेने आ रहे हैं क्योंकि आप बहुत घबराई हुई थी तो मैंने सोचा आपको अकेले नहीं छोड़ना चाहिए इसलिए मैं आप पर ध्यान रखा हुआ था क्योंकि रास्ते में आपको कोई परेशान ना करें यह बात सुनकर लड़की की आंखों में आंसू आ गए और बोली मुझे माफ कर दीजिए मैंने आपको गलत समझा तभी वह व्यक्ति बोला इसमें आपकी कोई गलती नहीं है कोई भी लड़की अनजान लड़के पर विश्वास नहीं करेगी लेकिन मेरा फर्ज था। कि मैं तुम्हें कि मैं तुम्हें अकेला ना छोड़े क्योंकि अगर कोई मेरी अपनी बहन होती तो क्या मैं उसे अकेला छोड़ देता फिर वह व्यक्ति बोलता है बैठो मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूं और अनीता बाइक पर बैठकर 7:00 बजे अपने घर पहुंच जाती है अनीता जब मां से मिलती है तो मां पूछती है बेटी तुम्हें आज इतनी देर कैसे हो गई मेरी तो जान निकली जा रही थी। तब अनीता ने बताया कि उसके साथ क्या हुआ और देर कैसे हो गई फिर अनीता की मां पूछती है बेटा वह लड़का कहां है मेरे पास बुलाओ अनीता चारों लड़कों को अपने पास अपने पास बुलाती है और अनीता की मां बोलती है बेटा आज तुम लोग ने मेरी घर की इज्जत बचा ली मैं तुम्हारा सदा आभारी रहूंगी भगवान तुम्हें खुश रखे
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