ईमानदार व्यक्ति// latest hindi stories

ईमानदार व्यक्ति// latest Hindi stories


 राजेश नाम का एक व्यक्ति जो बचपन से ईमानदार था, राजेश किसी को ना धोखा देता था और कभी झूठ बोलता था। और ईमानदारी से अपना काम करता था और उसके ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी था। राजेश की पत्नी का नाम अंजली  और उनके दो बेटा थे  बड़े बेटे का नाम मयंक था। जिसका  उम्र 7 वर्ष था  और उसके छोटे बेटे का नाम सूरज था। 

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जिसका उम्र 5 वर्ष था और  राजेश के  माता-पिता भी साथ रहते थे इन सभी की जिम्मेदारी राजेश की कंधों पर था क्योंकि वही उस घर में कमाने वाला व्यक्ति था।  राजेश प्राइवेट बैंक में काम करता था उस की इनकम ज्यादा नहीं था फिर भी वह जितने कमाता उतने  पैसे में अपना गुजारा करता था। और अपने सभी लोगों की जरूरत पूरा करता था 1 दिन राजेश  के छोटे बेटे जिसका नाम सूरज था अचानक से उसका तबीयत खराब हो गया राजेश अपने बेटे को हॉस्पिटल लेकर गया जब डॉक्टर ने जांच किया तो उन्हें पता चला कि सूरज को ब्लड कैंसर है। डॉक्टर ने यह बात राजेश को बताई तो यह बात सुनकर राजेश चौक गया और राजेश डॉक्टर  से पूछा आपने अच्छे से जांच किए हैं या नहीं डॉक्टर बोलते हैं मैंने सही से जांच किया तुम्हारे बेटे को कैंसर है।राजेश यह बात सुनकर बिल्कुल टूट गया था,  डॉक्टर ने बोला तुम्हें अपने बेटे को अच्छे हॉस्पिटल में भर्ती करना होगा। राजेश जब घर आता है तो उसकी पत्नी पूछती है हमारे बेटे को क्या हुआ है राजेश बोलता है हमारे बेटे को ब्लड कैंसर है यह बात सुनकर



 अंजलि बेहोश हो जाती है राजेश अपनी पत्नी को संभालता है और उसके चेहरे पर पानी छिड़कता है जिससे अंजलि की आंख खुल जाती है, और उसके आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह बोलती है अब हमारे छोटे बेटे का क्या होगा उसके इलाज के लिए पैसे कहां से आएंगे राजेश बोलता है तुम हार मत मानो मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा जिससे हमारे बेटे की जिंदगी बच जाए राजेश अपने छोटे बेटे को अच्छे हॉस्पिटल लेकर गया और सूरज का इलाज उस हॉस्पिटल में होने लगा, लेकिन उस हॉस्पिटल का खर्चा बहुत था।


 राजेश ने बैंक से कुछ कर लिया जिससे अपने बेटे का इलाज करवा सके, राजेश अपने काम पर भी नहीं जा पा रहा था। कुछ दिन बाद राजेश वापस आया, और जब काम पर गया तो उसे पता चला कि उसे नौकरी से निकाला जा चुका है। राजेश अपने घर वापस आया तो उसकी पत्नी पूछती है आप इतनी जल्दी काम से आ गए हो, राजेश बोलता है मुझे नौकरी से निकाला जा चुका है अंजलि बोलती है अब पैसे कहां से आएंगे और आपने जो बैंक से कर्ज लिया है उसका ब्याज कैसे चुकाएंगे, राजेश बोलता है तुम चिंता मत करो मैं कुछ काम करके पैसों का इंतजाम कर लूंगा कुछ दिनों बाद सूरज की तबीयत फिर खराब हो गई राजेश अपने बेटे को फिर से बड़ा हॉस्पिटल लेकर जाना होगा, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे।  तब उसने कुछ पैसे अपने आसपास के लोगों से उधार मांगे



और साहूकार से कर्ज भी लेना पड़ा। सूरज के इलाज में अत्यधिक खर्चा हो रहा था। राजेश पैसों का इंतजाम जैसे तैसे कर रहा था उसे यह नहीं मालूम वह उस पैसों को कैसे चुकाएगा, कुछ दिन के बाद राजेश अपने घर आया तो उसकी पत्नी पूछती है अब कैसा है हमारा बेटा राजेश बोलता है।  हालत पहले से कुछ ठीक है और कुछ दिन और वहां जाना होगा राजेश बोलता है तुम सूरज के साथ रहना मैं कुछ काम कर के पैसों का इंतजाम करूंगा। अंजलि अगले दिन अपने बेटे के पास चली गई और राजेश काम की तलाश करने लगा क्योंकि उसने बहुत लोगों से कर्ज ले रखा था।और बैंक का ब्याज भी देना था, राजेश सारी बातें सोचते हुए जा रहा था तभी वह एक कार टकरा गया, कार वाला व्यक्ति ने अचानक से ब्रेक मारता है फिर भी राजेश को
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उस कार से धक्का लग जाता है। और वह गिर जाता है लेकिन राजेश को ज्यादा चोट नहीं लगा, कार वाला व्यक्ति कार से बाहर निकलता है और राजेश से माफी मांगता है, राजेश बोलता है इसमें आपकी कोई गलती नहीं है कार वाला व्यक्ति पूछता है तुम इतना परेशान क्यों दिख रहे हो राजेश बोलता है,  मेरे पास पैसे भी नहीं है और ना कहीं काम मिल रहा है जिस कारण से मैं परेशान हूं। कार वाला व्यक्ति पूछता है क्या तुम्हें कार चलाने आती है राजेश हां बोलता है कार वाला व्यक्ति बोलता है तुम ड्राइवर का काम करोगे 10000 महीना दूंगा राजेश काम करने को तैयार हो जाता है। राजेश ने कार वाले व्यक्ति का नाम पूछता है वह व्यक्ति अपना नाम मोहन बताता है। और अगले दिन से राजेश काम करने लगता है। राजेश अपनी पत्नी को फोन करके अपने बेटे का हाल पूछता है अंजलि बोलती है। 



 सब ठीक है आपका क्या हाल है घर में सब ठीक है ना राजेश बोलता है सब ठीक है। और मुझे काम मिल गया है, राजेश अपना काम बहुत ईमानदारी से करता था। एक  दिन मोहन को किसी काम से दूसरे शहर जाना था। तभी उसने राजेश को बोला अगले दिन जल्दी आ जाना हमें किसी जरूरी काम से दूसरे शहर जाना होगा, अगले दिन राजेश सुबह-सुबह मोहन के घर पहुंच गया मोहन को जाने में अभी 2 घंटे का समय बाकी था। मोहन ने राजेश को बोला 2 घंटे तुम यहीं रहो तब तक मैं कुछ काम कर लूं मोहन के घर में एक नौकर थे।

 

राजेश को प्यास लगी तो उसने सोचा चलो किचन में जाकर पानी पी लिया जाए तभी उसने नौकर को फोन से बात करते हुए देखा तो राजेश वहीं रुक गया तभी उसने सुना मोहन 2 घंटे बाद घर से बाहर निकलने वाला है यह बात सुनकर राजेश सोच में पड़ गया, आखिरकार यह नौकर किसे फोन करके बोल रहा है आखिर ये लोग क्या करना चाहते हैं राजेश चुपचाप वहां जाकर बैठ गया जहां वह बैठा था तभी कुछ देर बाद मोहन राजेश को अपने कमरे में बुलाता है और उसे एक अटैची देता है। और बोलता है इसे कार में रख दो राजेश पूछता है मालिक इसमें क्या है मोहन बोलता है। इसमें कुछ पैसे हैं, राजेश अटैची को कार में रख देता है। और मोहन के पास आता है और बोलता है मालिक मुझे कुछ काम है, मैं थोड़ी देर के लिए घर जाना चाहता हूं मोहन बोलता है ठीक है परंतु जल्दी आ जाना राजेश कार से बाजार गया और उसी के



जैसा एक और अटैची खरीद लिया और अपने घर गया पैसों वाला अटैची अपने घर में रख लिया खाली अटैची कार में रख दिया और मोहन के घर आता है। मोहन बोलता है जल्दी चलो समय हो गया है मोहन कार में बैठ जाता है, और कुछ दूर जाने के बाद एक सुनसान रास्ता आता है। और उस रास्ते पर पांच लोग थे। वे लोग कार को रुक आते हैं। और एक व्यक्ति बोलता है अटैची जल्दी दो वरना तुम दोनों को जान से मार दूंगा मोहन बोलता है हमारे पास कोई अटैची नहीं है तभी पांचो व्यक्ति मोहन को मारने लगते हैं जब राजेश मोहन को बचाने की कोशिश करता है।


 तो वह पांचों व्यक्ति राजेश को भी मारने लगे तभी वहां पर पुलिस की गाड़ी आने की आवाज सुनते हैं। तो सभी  व्यक्ति अटैची लेकर भाग जाते हैं। जब तक वहां पुलिस आती है तब तक वह लोग भाग चुके होते हैं। मोहन काफी उदास हो गया और बोला मैं बर्बाद हो गया,  राजेश बोलता है मालिक आप परेशान मत होये आपके पैसे सुरक्षित हैं मुझे मालूम था रास्ते में ऐसा कुछ होने वाला है मैंने आपके नौकर को किसी से बात करते हुए सुना था। आपके बारे में बता रहा था आप कब घर से निकलने वाले हैं मैं समझ गया आखिर यह लोग कहना क्या करना चाहते हैं इसलिए मैंने आप की अटैची अपने घर में सुरक्षित रख दी है और पुलिस को मैंने इसके बारे में पहले सूचना दे दिया था। राजेश मोहन को कार में बैठा कर अपने घर लाता है। और पैसों से भरा अटैची लाता है, और उसके बाद वह दोनों काम के लिए दूसरे शहर चले



जाते हैं। जब राजेश शहर से वापस आता है और मोहन को उसके घर पहुंचा देता है। और अपने घर आता है तो उसकी पत्नी का फोन आता है और अंजलि बोलती है हमारे बेटे का हालत ठीक नहीं है तुम जल्दी आ जाओ और राजेश अगले दिन अंजलि के पास पहुंच जाता है। और इधर मोहन राजेश का इंतजार कर रहा था।  क्योंकि राजेश ने बहुत बड़ा काम किया था, लेकिन जब राजेश नहीं आया तो मोहन अगले दिन राजेश के घर पहुंच गया मोहन राजेश को पुकारने लगा तभी कुछ देर बाद राजेश की मां घर से बाहर निकली मोहन ने पूछा माँ जी राजेश कहां है। तभी राजेश की मां बोलती है वह तो हॉस्पिटल गया है मोहन पूछता हॉस्पिटल क्यों गया है। राजेश की मां बोलती है हमारे पोते को ब्लड कैंसर है। उसी के इलाज के लिए वहां गया है तभी मोहन पूछता है कौन सा हॉस्पिटल राजेश की मां हॉस्पिटल का नाम बताती है। और कुछ देर के बाद मोहन हॉस्पिटल क्यों जाने का फैसला करता है। जब मोहन हॉस्पिटल पहुंचता है, तो राजेश मोहन को देख कर चकित हो जाता है। और पूछता है मालिक आप यहां कैसे आए। मोहन बोलता है तुमने आज तक मुझसे अपने बेटे के बारे में कुछ नहीं बताया कि उसे ब्लड कैंसर है हमें तो तुम्हारी मां ने बताया तो मैं सीधा हॉस्पिटल आ गया हूँ। मोहन पूछता है अब कैसा हाल है तुम्हारे बेटे का तभी वहां पर डॉक्टर आ जाते हैं। 


और बोलते हैं बच्चे की हालत बहुत खराब है उसे इलाज के लिए विदेश ले जाना होगा नहीं तो बचना मुश्किल है लेकिन राजेश के पास पैसे नहीं थे। मोहन ने डॉक्टर को बोला ठीक है उसे हम विदेश लेकर जाएंगे इलाज करवाएंगे राजेश बोलता है मालिक में इतने पैसे कैसे चुकाऊंगा मोहन बोलता है राजेश तुम बहुत ईमानदार व्यक्ति हो अगर तुम चाहते तो अटैची के बारे में नहीं बताते तो मैं समझता कि कोई चोर लेकर भाग गया होगा। लेकिन तुमने सच बताया और वह पैसा वापस हमें दे दिया, अगर तुम चाहते तो तुम उस पैसे से अपने बेटे का  इलाज करवा सकते थे। लेकिन तुमने मुझे धोखा नहीं दिया तुम्हारी ईमानदारी हमें बहुत पसंद आई आज से तुम अपने बेटे का चिंता मत करो उसके इलाज में जो खर्च आएगा उसका भुगतान में करूंगा। सूरज इलाज के लिए विदेश जाता है, और वहां पर उसकी हालत में सुधार होने लगा और कुछ वर्ष बाद सूरज कैंसर को मात दे दिया। 

          

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