ईमानदार व्यक्ति// latest Hindi stories
राजेश नाम का एक व्यक्ति जो बचपन से ईमानदार था, राजेश किसी को ना धोखा देता था और कभी झूठ बोलता था। और ईमानदारी से अपना काम करता था और उसके ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी था। राजेश की पत्नी का नाम अंजली और उनके दो बेटा थे बड़े बेटे का नाम मयंक था। जिसका उम्र 7 वर्ष था और उसके छोटे बेटे का नाम सूरज था।
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राजेश ने बैंक से कुछ कर लिया जिससे अपने बेटे का इलाज करवा सके, राजेश अपने काम पर भी नहीं जा पा रहा था। कुछ दिन बाद राजेश वापस आया, और जब काम पर गया तो उसे पता चला कि उसे नौकरी से निकाला जा चुका है। राजेश अपने घर वापस आया तो उसकी पत्नी पूछती है आप इतनी जल्दी काम से आ गए हो, राजेश बोलता है मुझे नौकरी से निकाला जा चुका है अंजलि बोलती है अब पैसे कहां से आएंगे और आपने जो बैंक से कर्ज लिया है उसका ब्याज कैसे चुकाएंगे, राजेश बोलता है तुम चिंता मत करो मैं कुछ काम करके पैसों का इंतजाम कर लूंगा कुछ दिनों बाद सूरज की तबीयत फिर खराब हो गई राजेश अपने बेटे को फिर से बड़ा हॉस्पिटल लेकर जाना होगा, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। तब उसने कुछ पैसे अपने आसपास के लोगों से उधार मांगे
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राजेश को प्यास लगी तो उसने सोचा चलो किचन में जाकर पानी पी लिया जाए तभी उसने नौकर को फोन से बात करते हुए देखा तो राजेश वहीं रुक गया तभी उसने सुना मोहन 2 घंटे बाद घर से बाहर निकलने वाला है यह बात सुनकर राजेश सोच में पड़ गया, आखिरकार यह नौकर किसे फोन करके बोल रहा है आखिर ये लोग क्या करना चाहते हैं राजेश चुपचाप वहां जाकर बैठ गया जहां वह बैठा था तभी कुछ देर बाद मोहन राजेश को अपने कमरे में बुलाता है और उसे एक अटैची देता है। और बोलता है इसे कार में रख दो राजेश पूछता है मालिक इसमें क्या है मोहन बोलता है। इसमें कुछ पैसे हैं, राजेश अटैची को कार में रख देता है। और मोहन के पास आता है और बोलता है मालिक मुझे कुछ काम है, मैं थोड़ी देर के लिए घर जाना चाहता हूं मोहन बोलता है ठीक है परंतु जल्दी आ जाना राजेश कार से बाजार गया और उसी के
जैसा एक और अटैची खरीद लिया और अपने घर गया पैसों वाला अटैची अपने घर में रख लिया खाली अटैची कार में रख दिया और मोहन के घर आता है। मोहन बोलता है जल्दी चलो समय हो गया है मोहन कार में बैठ जाता है, और कुछ दूर जाने के बाद एक सुनसान रास्ता आता है। और उस रास्ते पर पांच लोग थे। वे लोग कार को रुक आते हैं। और एक व्यक्ति बोलता है अटैची जल्दी दो वरना तुम दोनों को जान से मार दूंगा मोहन बोलता है हमारे पास कोई अटैची नहीं है तभी पांचो व्यक्ति मोहन को मारने लगते हैं जब राजेश मोहन को बचाने की कोशिश करता है।
तो वह पांचों व्यक्ति राजेश को भी मारने लगे तभी वहां पर पुलिस की गाड़ी आने की आवाज सुनते हैं। तो सभी व्यक्ति अटैची लेकर भाग जाते हैं। जब तक वहां पुलिस आती है तब तक वह लोग भाग चुके होते हैं। मोहन काफी उदास हो गया और बोला मैं बर्बाद हो गया, राजेश बोलता है मालिक आप परेशान मत होये आपके पैसे सुरक्षित हैं मुझे मालूम था रास्ते में ऐसा कुछ होने वाला है मैंने आपके नौकर को किसी से बात करते हुए सुना था। आपके बारे में बता रहा था आप कब घर से निकलने वाले हैं मैं समझ गया आखिर यह लोग कहना क्या करना चाहते हैं इसलिए मैंने आप की अटैची अपने घर में सुरक्षित रख दी है और पुलिस को मैंने इसके बारे में पहले सूचना दे दिया था। राजेश मोहन को कार में बैठा कर अपने घर लाता है। और पैसों से भरा अटैची लाता है, और उसके बाद वह दोनों काम के लिए दूसरे शहर चले
जाते हैं। जब राजेश शहर से वापस आता है और मोहन को उसके घर पहुंचा देता है। और अपने घर आता है तो उसकी पत्नी का फोन आता है और अंजलि बोलती है हमारे बेटे का हालत ठीक नहीं है तुम जल्दी आ जाओ और राजेश अगले दिन अंजलि के पास पहुंच जाता है। और इधर मोहन राजेश का इंतजार कर रहा था। क्योंकि राजेश ने बहुत बड़ा काम किया था, लेकिन जब राजेश नहीं आया तो मोहन अगले दिन राजेश के घर पहुंच गया मोहन राजेश को पुकारने लगा तभी कुछ देर बाद राजेश की मां घर से बाहर निकली मोहन ने पूछा माँ जी राजेश कहां है। तभी राजेश की मां बोलती है वह तो हॉस्पिटल गया है मोहन पूछता हॉस्पिटल क्यों गया है। राजेश की मां बोलती है हमारे पोते को ब्लड कैंसर है। उसी के इलाज के लिए वहां गया है तभी मोहन पूछता है कौन सा हॉस्पिटल राजेश की मां हॉस्पिटल का नाम बताती है। और कुछ देर के बाद मोहन हॉस्पिटल क्यों जाने का फैसला करता है। जब मोहन हॉस्पिटल पहुंचता है, तो राजेश मोहन को देख कर चकित हो जाता है। और पूछता है मालिक आप यहां कैसे आए। मोहन बोलता है तुमने आज तक मुझसे अपने बेटे के बारे में कुछ नहीं बताया कि उसे ब्लड कैंसर है हमें तो तुम्हारी मां ने बताया तो मैं सीधा हॉस्पिटल आ गया हूँ। मोहन पूछता है अब कैसा हाल है तुम्हारे बेटे का तभी वहां पर डॉक्टर आ जाते हैं।