love at first sight। पहली नजर में प्यार
महेश नाम का लड़का जो स्कूल पास करके कॉलेज पढ़ने गया। जब महेश ने पहले दिन कॉलेज गया तभी उसे एक लड़की से प्यार हो जाता है। उस लड़की का नाम मनीषा था। वह लड़की इतनी सुंदर थी कि उसे हर लड़के पसंद करते थे। महेश ने अपने दोस्तों को बताया कि मैं मनीषा को पसंद करता हूं। महेश के दोस्तों ने बोला तुम उस
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कर सका महेश के दोस्त बोलते हैं। अच्छा किया भाई जो तुमने उस लड़की से बात नहीं किया हमने उस लड़की के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर ली है उस लड़की को बहुत सारे लड़के ने अपने प्यार का इजहार किया लेकिन उस लड़की ने सभी को मना कर दिया। महेश अपने दोस्तों को बोलता है मैं उसे पसंद करता हूं वह मुझे पसंद करें या ना करें मैं उससे कल जरूर बात करूंगा महेश के दोस्त बोलते हैं। जैसे तुम्हारी मर्जी जब अगले दिन महेश कॉलेज जाता है तो वह मनीषा से बात करने के लिए तैयार हो जाता है महेश ने मनीषा को देखा कि वह अकेली खड़ी है वहां आसपास कोई नहीं था महेश ने सोचा यही सही समय है बात करने का महेश मनीषा के पास जाता है। और बोलता है मेरी बात का बुरा मत मानना तुम सच में बहुत सुंदर हो मैं
तुम्हारी तारीफ नहीं कर रहा हूं। जो सच है वही बोल रहा हूं तुम्हें बहुत सारे लड़के पसंद करते हैं उन लोगों में से एक मैं भी हूं शायद तुम मुझे भी मना कर दोगी लेकिन मैं बोलना चाहता हूं तुम मेरी दोस्त बन जाओ अगर तुम्हें मेरी कोई बात बुरी लगेगी तो तुम उस वक्त हमारी दोस्ती तोड़ देना यह बोल तो महेश वहां से जाने लगा तभी मनीषा बोलती है। सुनो तुम्हारा नाम क्या है मेरा नाम महेश है मनीषा बोलती है आज तक जितने भी लड़के हम से बात किए हैं तो वह लड़के सीधे बोलते मैं तुमसे प्यार करता हूं। और तुम ही से शादी करूंगा लेकिन मुझे ऐसे लड़के पर विश्वास बिल्कुल नहीं हो रहा था। क्योंकि ऐसे लड़के कभी भी धोखा दे देते हैं लेकिन तुम उन सभी लोगों से अलग हो तुमने मुझे दोस्ती करना चाहा जो मुझे पसंद आया मनीषा और महेश की दोस्ती हो जाती है उन दोनों की दोस्ती कुछ दिनों बाद बहुत अच्छी हो गई कुछ वर्षों बाद दोनों
एक दूसरे को पसंद करने लगे अब दोनों की पढ़ाई पूरी हो गई थी अब वह दिन आ गया था। जब दोनों को अलग होना था मनीषा ने महेश को बोला अब तो हम दोनों की पढ़ाई पूरी हो गई है आगे का क्या प्लानिंग है महेश बोलता है। आगे की पढ़ाई के लिए मैं बाहर जाऊंगा मनीषा बोलती है मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूंगी चलो हम दोनों भाग के शादी कर लेते हैं महेश बोलता है। अगर मैं तुम से भाग कर शादी कर लूंगा तो हम लोगों की परिवार की इज्जत चली जाएगी। और मैं तुम्हें कहां रखूंगा मैं नहीं चाहता हूं कि हम दोनों भाग कर शादी करें क्योंकि मैं तुम्हें हमेशा खुश रखना चाहता हूं। भाग कर शादी नहीं करूंगा तुम मेरा इंतजार करना 3 साल के बाद में वापस आऊंगा मैं उस लायक बन जाऊंगा कि मैं तुम्हें हमेशा अच्छे से रखूं। मनीषा बोलती है ठीक है मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी। और दोनों अलग हो जाते हैं मनीषा 3 साल तक महेश का इंतजार करती है देखते देखते 3 वर्ष बीत जाते हैं। लेकिन महेश नहीं आता है। अब मनीषा के माता-पिता अपनी बेटी की शादी करने के लिए लड़के खोज रहे थे मनीषा के माता पिता ने अपनी बेटी को बोला बेटी अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए। हम लोगों ने एक लड़के को पसंद किया
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6 महीने बीत गए लेकिन महेश नहीं आया तब मनीषा के पिताजी ने बोला बेटी अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए। क्योंकि अब महेश नहीं आएगा मनीषा भी कुछ नहीं बोली वह भी अपने पिताजी की बात मान गई और कुछ महीनों बाद मनीषा की शादी तय हो गई मनीषा की शादी जिस लड़के से तय हुई थी। उस लड़के के परिवार वाले बहुत लालची थे। जिस दिन मनीषा की शादी थी। उसी दिन लड़के के पिता जी ने मनीषा के पिताजी से एक कार की
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