Hindi Story । नई बहु । Moral Story

 अनजान लड़की की कहानी


अंजली नाम की एक लड़की जो एक प्राइवेट बैंक में जॉब करती थी। जिस बैंक में अंजली काम करती थी। वह बैंक अंजलि के घर से 5 किलोमीटर की दूरी पर था। अंजलि के पास एक स्कूटी था।उसी स्कूटी से अंजलि बैंक में काम करने जाती थी। अंजलि अपने घर से 9:45 में निकल जाती थी। और 10:00 बजे बैंक पहुंच जाती थी। अंजलि शाम में 5:30 बजे अपने घर पहुंच जाती थी। कुछ दिनों बाद अंजलि की पोस्टिंग दूसरे जगह पर हो गया। जहां पर अंजली का पोस्टिंग हुआ था। वह स्थान अंजलि के घर से 25 किलोमीटर दूर था। अंजलि को चिंता हो गया मैं इतना दूर नौकरी करने कैसे जाऊंगी। अंजलि ने सोचा कोई बात नहीं मेरे पास स्कूटी है। मैं घर से जल्दी निकल जाऊंगी और उधर से भी जल्दी आ जाऊंगी अगले दिन अंजलि ऑफिस के लिए घर से जल्दी निकल जाती है। और शाम में जल्दी अपने घर आ जाती है।

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सभी कुछ ठीक चल रहा था। एक दिन अंजलि अपने घर से ऑफिस के लिए अपने समय पर निकल जाती है। जब अंजलि अपने ऑफिस से घर आ रही थी। तभी रास्ते में अंजली की स्कूटी पंचर हो गया। अंजली बहुत परेशान हो गई क्योंकि वह अभी 15 किलोमीटर की दूरी तय की थी। अभी अंजलि को अपने घर पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर और जाना होगा। अंजलि को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। वह क्या करें अंजली की स्कूटी जहां पंचर हुआ था। वह स्थान बहुत सुनसान था अंजलि को डर भी लग रहा था। क्योंकि शाम ढलने को था। अंजलि ने सोचा मुझे यहां से पैदल ही जाना होगा। अंजलि स्कूटी को धक्का लगा कर चलने लगी अंजलि 5 किलोमीटर पैदल चली अभी अंजलि को 5 किलोमीटर की दूरी और तय करना था। और रात भी हो गया था। 5 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अंजलि को रास्ते में चार लड़के दिखे अंजलि ने सोचा में उन लड़कों से कुछ मदद मांग लूं उन लड़कों के पास बाइक था।


फिर अंजलि ने सोचा कहीं यह लड़के अच्छे नहीं हुए तो मुझे नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। अंजलि अपने आपको रोक लेती है। और वहां से पैदल चलने लगती है। चारों लड़के का ध्यान अंजलि पर जाता है। और वे चार लड़के दो बाइक पर दो दो लड़के बैठ जाते हैं। और अंजली का पीछा करने लगते हैं। अंजलि जब कुछ दुर जाती है। तो उसे शक होता है उसका कोई पीछा कर रहा है।अंजली जब पीछे घूम कर देखती है। तो वहीं चार लड़के रहते हैं। अंजली बहुत डर गई और सोचने लगी यह चार लड़के मेरे साथ क्या करेंगे। रास्ता भी सुनसान था। अंजली का घर अभी भी 4 किलोमीटर दूर था। अंजलि डरते डरते आगे बढ़ रही थी। अंजली और कुछ दूर जाती है। तो सामने में दो लड़के थे। अंजलि और भी डर गई। और सोचने लगी आज मेरा क्या होगा। दोनों लड़कों का ध्यान अंजलि पर जाता है। और आपस में बोलते हैं अरे भाई सामने से एक कबूतरी आ रही है। जैसे ही अंजलि दोनों लड़कों के सामने से गुजर रही थी। वह दोनों लड़के ने अंजलि का रास्ता रोक दिया।


और अंजलि से छेड़छाड़ करने लगे पीछे से वे चारों लड़के भी आ जाते हैं। वह दोनों लड़के बोलते हैं। तुम जो भी हो पहले नजर हमारी पड़ी है। मेरे बाद तुम सभी का नंबर आएगा। चारों में से एक लड़का बोलता है। नंबर किस चीज का दोनों लड़के बोलते हैं। पहले हम दोनों इस लड़की की इज्जत लूटेगे उसके बाद तुम सभी का नंबर आएगा। चारों में से एक लड़का जिसका नाम राहुल था। वह बोलता है। मेरे होते हुए तुम इस लड़की के साथ कुछ भी नहीं कर सकते हो मैं इस लड़की का पीछा इसलिए नहीं कर रहा हूं। कि मुझे इस लड़की की इज्जत लुटनी है। बल्कि में पीछा इसलिए कर रहा हूं। कि इसे कोई रास्ते में परेशान ना करें चारों लड़के दोनों लड़के को मारने लगते हैं। और जान बचाकर दोनों लड़के वहां से भाग जाते हैं। अंजलि उन चारों लड़कों का शुक्रिया अदा करती है। और बोलती है। मुझे माफ कर दीजिए मैंने आप सभी को गलत समझा राहुल बोलता है। इसमें आपकी कोई गलती नहीं है। कोई भी लड़की अनजान लड़के पर विश्वास नहीं कर सकती है। लेकिन मेरा जो फर्ज था। मैंने उसे पूरा किया।




नई बहु । Moral Story


सुनीता नाम की एक महिला जिनके दो बेटे और एक बेटी थी ।सुनीता के पति का नाम रोहन था। सुनीता की बड़ी बेटी का नाम नेहा था। नेहा की शादी कुछ महीनों पहले हुई थी। नेहा के जाने के बाद सुनीता को घर का सारा काम के लिए करना पड़ता था। एक दिन जब सभी लोग रात का भोजन कर रहे थे। तब सुनीता ने अपने बेटे को बोला अब मुझसे घर का काम अकेले नहीं होता है। सुनीता का बड़ा बेटा जिसका नाम राज था। वह बोलता है मां मैं क्या कर सकता हूं। सुनीता बोलती है, अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए। राज शादी के लिए तैयार हो जाता है। सुनीता के घर में एक रिश्ता आता है। सुनीता लड़की को पसंद कर लेती है। लड़की अमीर घर की बेटी थी। कुछ महीने बाद राज की शादी उस लड़की से हो जाती है। सुनीता अपनी बड़ी बहू को बहुत मानती थी। सुनीता की बड़ी बहू बहुत संस्कारी थी वह अपनी सास को शिकायत का मौका नहीं देती थी। कुछ वर्षों बाद सुनीता का छोटा बेटा भी शादी का उम्र हो गया था।

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सुनीता ने अपने छोटे बेटे को बोला मुकेश अब तुम्हारी उम्र शादी के लायक हो गया है। तुम्हारे लिए अच्छे अच्छे रिश्ते आ रहे हैं। मुकेश बोलता है, मां अभी मुझे पढ़ाई करनी है। सुनीता बोलती है मुकेश पढ़ाई का क्या है। वह तो शादी के बाद भी तुम कर सकते हो मुकेश बोलता है। मैं पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहता हूं। सुनीता बोलती है। बेटा यह अच्छी बात है तुम पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहते हो लेकिन भगवान की कृपा से हम सभी को किसी चीज की कमी नहीं है। मुकेश बोलता है ठीक है, मां मुझे थोड़ा सोचने का मौका दीजिए सुनीता बोलती है ठीक है। बेटा अच्छे से सोच लो अगले दिन सुनीता की बड़ी बहू सभी के लिए नाश्ता बनाती है। और सभी लोग नाश्ता करते हैं मुकेश नाश्ता करके कॉलेज चला जाता है। मुकेश पूजा नाम की एक लड़की से प्यार करता था। मुकेश जैसे कॉलेज पहुंचता है। वह पूजा को अपने पास बुलाता है। और बोलता है। चलो कैंटीन मुझे तुमसे कुछ बातें करनी है। मुकेश और पूजा दोनों कैंटीन जाते हैं। मुकेश बोलता है मेरी मां मेरी शादी एक अनजान लड़की से


करने के बारे में बोल रही है, पूजा बोलती है। मेरा क्या होगा तुम मुझे छोड़ दोगे मुकेश बोलता है। नहीं मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा मैं तुमसे प्यार करता हूं। और मैं तुम ही से शादी करूंगा पूजा बोलती है। चलो मंदिर हम दोनों आज ही शादी कर लेते हैं। मुकेश भी शादी करने के लिए तैयार हो जाता है। दोनों मंदिर जाते हैं और शादी कर लेते हैं। जब शादी करके मुकेश अपने घर आता है। तो सभी लोग हैरान हो जाते हैं। सुनीता पूछती है बेटा यह लड़की कौन है। मुकेश बोलता है। मां यह आपकी छोटी बहू है सुनीता पूजा से पूछती है। तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं। पूजा बोलती है मेरे पिताजी ऑटो चलाते हैं। सुनीता मुकेश को बोलती है बेटा तुम एक गरीब लड़की से शादी क्यों कर लिया तुम्हारे लिए कितने बड़े बड़े घर से रिश्ते आ रहे थे। और तुम इस गरीब लड़की से शादी कर लिया मुकेश के पिता जी बोलते हैं। जो हुआ सो हुआ अब बोलने से क्या फायदा अब तो यह लड़की हमारी घर की छोटी बहू बन गई है। सभी लोग आशीर्वाद दे करके इसे अपना लो।


सुनीता को ना चाहते हुए भी पूजा को अपनाना पड़ता है। सुनीता पूजा को पसंद नहीं करती थी। उसे हमेशा परेशान करती थी ।सुनीता की बड़ी बहू अपनी सास को समझाती है। मां जी पूजा एक अच्छी लड़की है आप उसे दिल से अपना लीजिए सुनीता बोलती है। बहू तुम्हें पता नहीं है गरीब घर की लड़की बहुत चालाक होती है। वह अच्छा बनने का ढोंग करती है। सुनीता की बड़ी बहू बोलती है। मां जी मुझे जो सही लगा मैंने आपको बोल दिया एक दिन सुनीता की बड़ी बहू अपने मां के घर जाने के लिए अपनी सास से आज्ञा मांगी सुनीता अपनी बड़ी बहू को जाने का आदेश दे देती है। और साथ में राज भी चला जाता है। अगले दिन मुकेश अपनी मां को बोलता है। मां मुझे किसी काम से दूसरे शहर जाना होगा 2 दिन बाद में वापस आऊंगा। सुनीता बोलती है बेटा तुम अकेले कैसे जाओगे तुम अपने साथ अपने पिताजी को भी ले जाओ मुकेश बोलता है, ठीक है मां मैं पिताजी को अपने साथ ले जाऊंगा। अगले दिन मुकेश और उसके पिता घर से चले जाते हैं। अब घर में सिर्फ सूनीता और पूजा थी।


सुनीता अपनी छोटी बहू से अच्छे से बात भी नहीं करती थी। पूजा अपनी सास को रात का खाना खाने के लिए बुलाती हैं। सुनीता आवाज़ सुन कर के अपने कमरे से बाहर आती है। पूजा अपनी सास को बोलती है। मां जी आप टेबल पर बैठिए है। मैं आपके लिए खाना निकाल देती हूं। सुनीता टेबल पर बैठती है। पूजा अपनी सास को अच्छी तरह से खाना खिला देती है। सुनीता खाना खा कर के जब अपने कमरे में जा रही थी। तभी सुनीता का पैर सीढ़ियों से फिसल गया सुनीता अपना संतुलन खो देती है। और वह सीढ़ियों से नीचे गिर जाती है। पूजा दौर करके अपनी सास के पास आती है। सुनीता के सर से खून निकल रहा था। और वह बेहोश हो गई थी। पूजा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। वह क्या करें और घर पर भी कोई नहीं था। पूजा ने सबसे पहले कपड़े से सर को बांध दिया जिससे खून ना निकल सके और अपनी सास को कंधे पर उठाकर अपनी कार में बैठाती है। और वहां से सीधे हॉस्पिटल जाती है। सही समय पर पूजा हॉस्पिटल पहुंच जाती है। और सुनीता का इलाज शुरू हो जाता है। पूजा फोन करके मुकेश को सारी बात बताती है।


अगले दिन मुकेश हॉस्पिटल आता है। और पूछता है मां कैसी है। पूजा बोलती है। मां अब खतरे से बाहर है मुकेश बोलता है। चलो हम सभी मां से मिलने जाते हैं। सभी लोग सुनीता से मिलने जाते हैं। वहां पर एक डॉक्टर रहते हैं। और बोलते हैं सही समय में आपकी मां को हॉस्पिटल लाया गया वरना बचना मुश्किल था। सुनीता पूछती है। मुझे कौन हॉस्पिटल लेकर आया है। मुकेश बोलता है। मां आपकी छोटी बहू आपको हॉस्पिटल लेकर आई है। सुनीता अपनी छोटी बहू को अपने पास बुलाती है। और बोलती है। मुझे माफ कर दो बेटी मैंने तुम्हें हमेशा गलत समझा पूजा बोलती है। मां जी आप माफी मत मांगिए आपका सेवा करना तो मेरा धर्म है। यह बात सुनकर के सुनीता अपनी छोटी बहू को गले लगा लेती है।




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