Two Moral Hindi Stories । गरीब की सोच।। Hindi Story


 गरीब की सोच।। Hindi Story

अजय नाम का एक व्यक्ति जो एक कपड़े का व्यापारी था। अजय उसी इंसान से बातें करता था। जो पैसों से अमीर था। अजय का एक बहुत बड़ा दुकान था। और उसका दुकान अच्छी जगह पर जिससे उसको व्यापार में बहुत मुनाफा होता था। अजय की दो बेटी और एक बेटा था। अजय की बड़ी बेटी की शादी तय हो गया

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था। अजय की बड़ी बेटी की शादी 2 महीने बाद थी। अजय अपनी बड़ी बेटी की शादी के इंतजाम। में लग गया था। अजय अपनी बेटी की शादी का कार्ड सभी दुकानदार और अपने दोस्तों को दे चुका था। अजय एक राशन की दुकान पर बातचीत कर रहा था। जिस व्यक्ति का राशन का दुकान था। वह अजय का दोस्त था। जो उसके दुकान से कुछ दूर पर था। वह व्यक्ति अजय से पूछता है। शादी की तैयारी अच्छे से चल रही है। ना अजय बोलता है, हां सब कुछ अच्छे से चल रहा है। अजय का दोस्त पूछता है। अपने सभी दुकानदार


को शादी का कार्ड बात दिया है। अजय बोलता है, हां मैंने सभी को शादी का कार्ड बांट दिया है। अजय का दोस्त पूछता है। तुम्हारे दुकान के सामने एक मोची का दुकान था। क्या तुमने उसे भी कार्ड दिया है। अजय हां बोलता है, अजय का दोस्त बोलता है। वह तो गरीब है। वह तुम्हारी बेटी की शादी में क्या देगा अजय बोलता मैं जानता हूं। वह गरीब है वह मेरी बेटी की शादी में कुछ नहीं दे सकता है। लेकिन कम से कम उस कार्ड का पैसा तो देगा। अजय शादी के इंतजाम में लग जाता है। जिस दिन अजय की बड़ी बेटी की शादी थी उस दिन सभी लोग गिफ्ट लेकर आ रहे थे। उस शादी में वह गरीब व्यक्ति भी आया जो मोची था। उसके हाथ में भी एक
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गिफ्ट था। अजय उस व्यक्ति को देखता है। और मन में सोचता है। यह गरीब व्यक्ति गिफ्ट दे रहा है। जरूर इस गिफ्ट में कोई सस्ता सा चीज होगा। शादी समाप्त हो जाता है। अगले दिन अजय सभी गिफ्ट को खोल कर देखता है। जब अजय उस गरीब व्यक्ति का गिफ्ट खोल कर देखता है, तो वह हैरान हो जाता है। वह गरीब व्यक्ति गिफ्ट में में चांदी का पायल दिया था। यह देखकर अजय को अपने आप में बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है। क्योंकि अजय उस गरीब व्यक्ति को हीन भावना से देखता था। अगले दिन अजय उस मोची के पास जाता है। और पूछता है, आपने मेरी बेटी को चांदी का पायल क्यों गिफ्ट में दिया। तब वह मोची बोलता है। बेटी लक्ष्मी होती है। अगर मेरी लक्ष्मी खुश रहेगी। तो मुझे कभी भी लक्ष्मी की कमी नहीं होगी। अजय यह बात सुनकर भावुक हो जाता है। और उस गरीब आदमी से माफी मांगता है। और बोलता है, आपने मेरी आंखें खोल दिए हैं।



Moral Of Story: गरीब इंसान को हीन भावना से नहीं देखना चाहिए।




दो दोस्त की कहानी।। Moral Hindi Story

राहुल और सुरेश दो दोस्त बचपन से एक ही स्कूल और एक ही ट्यूशन में पढ़ते थे। उन दोनों की दोस्ती बहुत अच्छी थी। राहुल और सुरेश जब स्कूल पास करके दोनों एक ही कॉलेज में एडमिशन लिए दोनों की दोस्ती बहुत अच्छी चल रही थी। तभी कुछ दिन बाद श्वेता नाम की लड़की ने उस कॉलेज में एडमिशन लिया श्वेता बहुत सुंदर थी। कॉलेज के बहुत सारे लड़के श्वेता को पसंद करते थे।


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राहुल और सुरेश ने जब पहली बार श्वेता को देखा तो दंग रह गए और आपस में बातचीत करते हैं। अरे भाई मैंने इतनी सुंदर लड़की आज तक नहीं देखी है। राहुल सुरेश को बोलता है अरे भाई मेरी सेटिंग उस लड़की से करवा दो सुरेश बोलता है राहुल तू बावला हो गया है मैं तुम्हारी सेटिंग क्यों करूंगा। मैं तो अपनी सेटिंग खुद करूंगा दोनों दोस्त आपस में बातचीत करते हैं। हम दोनों उस लड़की को प्रपोज करेंगे जिसे वह पसंद करेगी वही उसका बॉयफ्रेंड बनेगा।


अगले दिन जब श्वेता कॉलेज आती है। तब राहुल और सुरेश श्वेता को प्रपोज कर देते हैं। श्वेता बोलती है, तुम दोनों कौन हो मैं तुम्हें नहीं जानती हूं। सुरेश बोलता है हम दोनों दोस्त हैं और हम दोनों तुम्हें पसंद करते हैं। अब तुम्हें पसंद करना है हम दोनों में से तुम्हें कौन पसंद है। श्वेता बोलती है तुम दोनों अचानक से आकर मुझे प्रपोज करोगे तो मैं किसी हां बोलूंगी चलो मैं तुम दोनों को एक मौका देती हूं। मैं तुम दोनों के साथ 10 दिनों तक रहूंगी जो मुझे ज्यादा पसंद आएगा उसे मैं हां बोलूंगी राहुल और सुरेश भी तैयार हो गए सुरेश पूछता है। सबसे पहले तुम किसके साथ रहना चाहती हो श्वेता बोलती है चलो मैं पहले तुम्हारे साथ 10 दिनों तक रहती हूं अगले दिन से सुरेश और श्वेता साथ में कैंटीन गए कैंटीन में जाकर दोनों ने नाश्ता किया सुरेश ने बोला हम दोनों आज शाम में मूवी देखने चलेंगे श्वेता भी तैयार हो गई।


10 दिनों तक दोनों अच्छे से रहे 10 दिन पूरे हो गए थे। अब राहुल श्वेता और सुरेश के पास आता है। और बोलता है 10 दिन समाप्त हो गए हैं श्वेता बोलती है। मुझे मालूम है। कल से मैं तुम्हारे साथ 10 दिनों तक रहूंगी। अगले दिन से राहुल श्वेता के साथ 10 दिनों तक बहुत अच्छे से रही दोनों ने 10 दिनों तक बहुत इंजॉय किया 10 दिन पूरे होने के बाद तीनो लोग आमने-सामने आए तब सुरेश ने श्वेता से पूछा बताओ तुम्हें हम दोनों में से कौन पसंद है श्वेता बोलती है। तुम दोनों बहुत अच्छे हो मैं तुम दोनों के साथ जितने भी पल गुजारे हैं। वह पल मेरे जीवन का यादगार पल रहेगा मैं निर्णय नहीं ले पा रही हूं मैं किसे हां बोलूं लेकिन एक रास्ता है। तुम दोनों को अपनी दोस्ती तोड़नी होगी तब मैं तुम्हें पसंद करूंगी राहुल बोलता तुम क्या बोल रही हो तुम हमारी बचपन की दोस्ती तोड़ने की बात बोल रही हो मैं तुम्हें भुला सकता हूं लेकिन अपने दोस्त को नहीं सुरेश श्वेता को बोलता है। मुझे तुम्हारी बात मंजूर है मैं अपनी दोस्ती तोड़ने को तैयार हूं।


राहुल बोलता है। सुरेश तुम क्या बोल रहे हो तुम इस लड़की के लिए बचपन की दोस्ती तोड़ने को तैयार हो गए तब श्वेता बोलती है। मैं तुम दोनों को टेस्ट ले रही थी। क्योंकि मैं कंफ्यूज थी दोनों में से कौन बेस्ट है। इस टेस्ट में राहुल पास हो गया क्योंकि वह मेरे लिए अपनी दोस्ती तोड़ने को तैयार नहीं हुआ।




Moral Of Story : अपनी सोच हमेशा अच्छी रखनी चाहिए



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